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प्रदेश सरकार ने कुल्लू और कांगड़ा हवाई अड्डों के विस्तार के लिए केंद्र से मांगे 1000 करोड़

पी. चंद, शिमला |

राज्यों के वित्त मंत्रियों एवं जीएसटी परिषद की गत् सायं, नई दिल्ली में हुई बैठक में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मुख्यमंत्री का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने प्रदेश में सभी हवाई अड्डों के विस्तार के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध करवाने का मामला केन्द्र सरकार के साथ उठाया। उन्होंने शिमला के हवाई अड्डे के लिए 426 करोड़ रुपये तथा प्रदेश के कुल्लू और कांगड़ा हवाई अड्डों के स्तरोन्यन एवं विस्तार के लिए 500-500 करोड़ रुपये की मांग की। उन्होंने कहा कि मण्डी जिले में निर्मित होने वाले नए ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के लिए 2500 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता है। इस नए एयरपोर्ट का निर्माण पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्त्व रखता है।  

पन बिजली परियोजनाओं में प्रयोग में लाए जाने वाली सामग्री एवं पुर्जों पर जीएसटी को पवन एवं सौर ऊर्जा परियोजनाओं के बराबर लाने का मामला उठाते हुए, उन्होंने कहा कि अब पन विद्युत परियोजनाओं को भी अक्षय ऊर्जा में वर्गीकृत किया गया है, इसलिए विद्युत परियोजनाओं में प्रयुक्त होने वाली साम्रगी को भी जीएसटी का लाभ मिलना चाहिए।

उन्होंने प्रस्तावित भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाईन निर्माण एवं पठानकोट-जोगिन्द्रनगर रेल लाईन को ब्रॉडगेज में परिवर्तित करने तथा इन्हें शत-प्रतिशत सेंट्रल शेयरिंग में रखने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होने के कारण इन परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजनाएं घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य में रेल नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए केन्द्रीय बजट के तहत पर्याप्त धन उपलब्ध करवाने और हिमालयी राज्यों में रेल नेटवर्क के विस्तार को ‘कोर’ योजनाओं में शामिल करने तथा इसे राष्ट्रीय विकास एजेंडा का भाग बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि इनके निर्माण को 90ः10 के अनुपात में विकसित किया जा सके।

सुरेश भारद्वाज ने स्थानीय सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए सेब की आयात दरों को दौगुना बढ़ाने का अनुरोध किया क्योंकि राष्ट्रीय बाजार में विदेशी सेब के आने से हिमाचली सेब की मांग में कमी आने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढते ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए रोप-वे आवागमन के लिए अत्यन्त प्रभावशाली विकल्प है। उन्होंने अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-1 के अंतर्गत 283 गांवों को घने वृक्ष व पर्यावरण को नुकसान होने के कारण सड़क सुविधा प्रदान नहीं की जा सकी है। उन्होंने ऐसे 250 से अधिक आबादी वाले गांवों को रोप-वे की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्रालय से प्रदेश को पर्वतमाला योजना के अंतर्गत उदारतापूर्वक निधि उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया ताकि पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए प्रदेश के दूरगामी क्षेत्रों तथा पर्यटन स्थलों को सुगमता से सम्पर्क सुविधाओं से जोड़ा जा सके।

नीति आयोग द्वारा निगरानी किए जा रहे चम्बा जिला की चर्चा करते हुए, शिक्षा मंत्री ने कहा भारत सरकार को पिछड़े जिलों के लिए सड़क, सिंचाई तथा स्वास्थ्य क्षेत्रों के लिए परियोजनाओं के वित्तपोषण पर विचार करना चाहिए ताकि इन ज़िलों की बुनियादी विकास संबंधी आवश्यकताओं को तुरन्त पूरा किया जा सके।