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प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC ने रचा इतिहास, सफलता पूर्वक किया किडनी ट्रांसप्लांट

पी. चंद. शिमला |

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के लिए आज बड़ा दिन था जहां आज एक ओर इतिहास रचा गया। आईजीएमसी में आज पहला  किडनी ट्रांसप्लांट किया गया जो सफल रहा।  किडनी ट्रांसप्लांट के लिए एम्स के चार विशेषज्ञ डाक्टर आईजीएमसी पहुंचे थे। इन चारों विशेषज्ञ डॉक्टरों ने आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लाट के लिए भर्ती किए गए दो मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट किया। जिनमें से एक मरीज़ मंडी जबकी दूसरा मरीज शिमला से था। इन मरीजों को रिश्तेदारों ने किडनी दी।

इस बारे में जानकारी देते हुए आईजीएमसी शिमला के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनक ने बताया कि आज दोनों मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट सफ़ल रहा है। आगे भी एम्स दिल्ली की टीम ही किडनी ट्रांसप्लांट के लिए शिमला आती रहेगी। आईजीएमसी के डॉक्टर भी किडनी ट्रांसप्लांट प्रक्रिया सीख रहे हैं। जब तक आईजीएमसी के डॉक्टर पूरी तरह से किडनी ट्रांसप्लांट में दक्ष नहीं हो जाते है तब तक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम शिमला आती रहेगी। उन्होंने बताया कि सफ़ल किडनी ट्रांसप्लांट आईजीएमसी के लिए गर्व की बात है। अब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए हिमाचल के लोगों को प्रदेश से बाहर नही जाना पड़ेगा।

उधर, किडनी ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. ने कहा कि एक किंडनी ट्रांसप्लांट के लिए दो से तीन घंटे लगते हैं। सर्जरी में कई तरह की दिक्कतें होती हैं। किंडनी दान देने वालों के लिए कम रिस्क रहता वह 15 से 20 दिन तक बिलकुल स्वस्थ हो जाता है। जबकि जिनको किडनी लगती है उनको काफ़ी परहेज़ रखना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अकेले एम्स में 40 तक किंडनी ट्रांसप्लांट किए जाते हैं। जिनमें से 5 से 6 मरीज़ हिमाचल के होते हैं।