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होमवर्क न करने पर शिक्षिका ने छात्र को बेरहमी से पीटा

सुनील ठाकुर |

एक शिक्षिका द्वारा बच्चे की बेरहमी से पिटाई करने का मामला सामने आया है। शिक्षका पर आरोप है कि पहले तो उन्होंने छात्र की बेरहमी से पिटाई की फिर उसकी कॉपी के पन्ने फाड़कर फेंक दिए।

दरअसल, मामला बिलासपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल छड़ोल का है। जिसमें हिंदी की अध्यापिका अंजू ने 8वीं कक्षा के छात्र की बेरहमी से पिटाई कर दी, छात्र का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने होमवर्क नहीं किया था।

वहीं, छात्र ने कहा कि इसके बाद उसने और उसके दोस्त ने स्कूल के सुझाव बॉक्स में कंपलेंट डाली थी कि शिक्षिका ने उसे पीटा है और उसकी कॉपी भी फाड़ दी है। ये घटना शनिवार की है जब मोमवार को शिक्षिका को इस बात का पता चला कि उसके खिलाफ दो छात्रों सक्षम और अर्जुन ने शिकायत की है तो शिक्षिका ने उन दोनों की फिर से पिटाई कर ड़ाली।

वहीं, प्रधानाचार्य जगत पाल शर्मा ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि उन्हें सुझाव बॉक्स में दो कंप्लेंट मिली थी मैंने उसे पढ़ने के बाद फाड़ दिया। क्योंकि, मैंने हिंदी की अध्यापिका को कहा है कि जो बच्चे होमवर्क पूरा नहीं करते उनकी कॉफी पर नोटिस लिखा जाए और छात्र अभिभावकों के हस्ताक्षर करवा कर लाएं।

बाद में जब ये मामला अभिभावकों और अन्य लोगों के ध्यान में आया तो अभिभावकों ने बाल विकास विभाग को शिकायत भेजी। जिस पर बाल विकास के अधिकारी अजय ने बताया कि अध्यापिका को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है और 15 दिन के बाद फिर से बच्चों को पूछताछ की जाएगी।

एसएमसी प्रधान बलवीर सिंह ने इस मामले में जब प्रधानाचार्य से बात की और शिकायत पत्र के बारे में पूछा तो प्रधानाचार्य का कहना है कि वह पत्र उन्होंने फाड़ दिया है आप बच्चे से ही पूछ ले के पत्र में क्या लिखा था।
 
इसके साथ ही और बच्चों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अध्यापिका जिन बच्चों का होमवर्क पूरा नहीं होता और लिखाई अच्छी नहीं होती तो शिक्षिका उनकी कॉफी फेंक देती है। इसके साथ ही अन्य बच्चों से भी बात की गई तो सामने आया कि अध्यापिका कहती है की गाइड से ही स्कूल का काम किया करो।

वहीं, शिक्षा विभाग अधिकारी अमर सिंह ने कहा कि यह मामला मेरे ध्यान में नहीं है लेकिन, यदि इस तरह की कोई घटना हुई है तो इस पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।