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ये दूसरों के शरीर में रहेंगे जिंदा, पूरे परिवार ने मिलकर किया देहदान

समाचार फर्स्ट |

दुनिया छोड़ने के बाद व्यक्ति को उसके अच्छे ऐर बुरे कर्मों के कारण याद किया जाता है। मौत के बाद शरीर किसी के काम आ जाए, तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। ये कहना है मंडी के चच्योट गांव के एक परिवार का जिन्होंने मरणोपरांत मानवता के लिए अपने शरीर दान करने की इच्छा जताई है।

सोमवार को पूरे परिवार ने लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मैडीकल कालेज एवं अस्पताल नेरचौक जाकर देहदान की सभी औपचारिकताओं को पूरा कर देहदान करने की इच्छा को पूर्ण किया। चच्योट निवासी धनंजय शर्मा ने स्वयं देहदान का निर्णय लिया था, परंतु उनका शेष परिवार भी उनके साथ इनके इस पुण्य कार्य के लिए आगे आया है। परिवार में उनकी पत्नी जयवंती शर्मा, बेटे शशिभूषण और बहु पूजा शर्मा ने भी देहदान करने का फैसला लिया।

परिवार के सभी सदस्यों का कहना है कि हमारे मरणोपरांत शरीर के काम आने वाले अंग आंखें, गुर्दे, ब्रेन पार्ट सहित अन्य अंग जरूरतमंद, असहाय और गरीब लोगों की जान बचाने के काम आएं, ऐसी सबकी सोच है। लाल बहादुर शास्त्री मैडीकल कालेज की डा. सुशीला राणा ने कहा कि धनंजय शर्मा सहित उनके परिवार द्वारा देहदान करना सराहनीय कदम है। उनकी यह पहल लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है।