ठियोग में HRTC के बस अड्डे का भवन गिरने के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर प्रशासन लापरवाही नहीं करता तो इस हादसे को होने से बचाया जा सकता था।
दरअसल, इस भवन को गिराने के लिए शीर्ष अधिकारियों को 20 पत्र लिखे गए थे। लेकिन, समय रहते कोई कारवाई नहीं की गई। जिस भवन को 2013 में ही गिरा देना चाहिए था उसके लिए लापरवाह अफसर 4 साल तक भवन के गिरने का इंतजार करते रहे। मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि यदि अफसर ऐसी लापरवाही ना दिखाते तो कई लोगों की जिंदगियां बच सकती थी।
गौरतलब है कि चार अगस्त को ठियोग में HRTC के बस अड्डे की पुरानी बिल्डिंग ढह गयी थी जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी और 6 घायल हो गए थे।