हिमाचल प्रदेश जिसे देव भूमि के नाम से विश्व भर में जाना जाता है। देव भूमि हिमाचल में एक मंदिर एसा भी है जो सिर्फ 4 महीने ही दिखाई देता है इसे लोग गायब होने वाला मंदिर भी कहते है। हिमाचल के ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में यह मंदिर जिसे बथु की लड़ी के नाम से जाना जाता है 8 महीने के लिए जल समाधि ले लेता है। स्थानीय लोगों की मने तो इस मंदिर का निर्माण पांड्वो द्वारा किया गया था और यह मंदिर करीब 5 हजार साल पुराना हैं।
पांड्वो ने अग्यात्वास के समय यहा समय बिताया था और भगवान शिव की पूजा की थी तब से इस मंदिर से लोगों की काफी आस्था है और लोग दूर-दूर से यहा मंदिर में भोलेनाथ की पूजा के लिए आते है। आपको बता दें की करीब 30 सालो से यह मंदिर 8 महीने के लिए पानी में डूब जाता है और एक वर्ष में मात्र 4 महीने के लिए ही पानी से बाहर आता है। जिसे देखने के लिए लोग यहा पहुंचते है हैरानी की बात तो यह है की इतने सालो से मंदिर के पानी में रहने के बावजूद भी मंदिर वैसे का वैसा ही देखने को मिलता है।
हलाकि मंदिर में कुछ नुकसान तो हुआ है लेकिन मंदिर के गुमद वैसे के वैसे ही खड़े है अब आप इस बात से हैरान होगे की 5 हजार साल पुराना मंदिर मात्र 30 सालो से कैसे पानी में डूब रहा है तो आपको बता दें की 30 साल पहले पोंग डैम का निर्माण किया गया था तबसे लेकर आज तक यह मंदिर 8 महीनों के लिए जल समाधि लेता है।
वहीं, अब अगर बात की जाए सरकार की तो सरकार हिमाचल में पर्यटन को बढ़ावा देने के कई दावे किये जाते है। लेकिन हकीकत आप सबके समाने ही है इस रहस्यमई मंदिर के लिए आज तक सरकार कुछ नहीं कर पाई ना ही इस मंदिर के बारे में सरकार के पर्यटन विभाग के पास कोई जानकारी है एसे में इस पुरातन धरोहर को बचाकर करने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किये जा रहे है जो भी लोग या युवा यहा आते है तो उनका यही कहना है की सरकार इस मंदिर को पर्यटन के तौर पर विकसित कर सकती है आस्था के साथ यह स्थल पर्यटन के लिए भी बेहतरीन है।