हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला शहरी, कसुम्प्टी और शिमला ग्रामीण हलकों के बीजेपी, कांग्रेस, माकपा और निर्दलीय समेत 17 प्रत्याशियों को शहर में जगह -जगह दीवारों पर पोस्टर, बैनर, स्टिकर लगाने और दीवारों को खराब करने के मामले में कल मंगलवार को खुद या वकील के जरिए अदालत में हाजिर रहने के आदेश जारी कर दिए हैं।
प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने ये आदेश जारी करते हुए मामले की सुनवाई कल के लिए निर्धरित की हैं।
अदालत ने शिमला शहरी से बीजेपी प्रत्याशी सुरेश भारद्वाज, कांग्रेस के हरभजन सिंह भज्जी, माकपा के संजय चौहान और निर्दलीय हरीश जगरथा जबकि, शिमला ग्रामीण से बीजेपी के प्रमोद शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह और कसुम्प्टी हलके से कांग्रेस प्रत्याशी अनिरुद्ध सिंह, माकपा के कुलदीप तनवर और बीजेपी की विजय ज्योति सेन समेत इन सभी हलको के निर्दलियों को कोर्ट ने आदेश दिए हैं।
अदालत ने कहा है कि शिमला शहर जो शिमला शहरी, कसुम्प्टी और शिमला ग्रामीण हलके का हिस्सा हैं में हर जगह पोस्टरों, बैनरों की भरमार हैं, जो हाईकोर्ट केआदेशों और चुनाव आचार संहिता का उल्ल्घंन हैं। अदालत ने मुख्य चुनाव अफसर को आज दो बजे तक इन सभी प्रत्याशियों को पार्टी बनाने के लिए नोटिस मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। उसके बाद दो बजे तक लिए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। दो बजे फिर सुनवाई शुरू हुई तो कई निर्दलीयों के ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ। जबकि सभी पार्टियों की ओर से उनके वकीलों ने नोटिस ले लिए गए।