हिमाचल से कांग्रेस की दिग्गज नेता विद्या स्टोक्स चर्चा में है। विद्या स्टोक्स के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन यह बहुत कम लोग ही जानते हैं कि उनका ताल्लुक सत्यानंद स्टोक्स से भी है। सत्यानंद वही शख्स हैं, जिनके एक कदम ने हिमाचल की किस्मत बदल दी। सत्यानंद वहीं व्यक्ति है जो अमेरिका से सेब की खेती लेकर आए और हिमाचल के किसानों को एक नई सौगात दी।
साल 1904 में सत्यानंद पहली बार अमेरिका से शिमला आए। हिमाचल में उन्होंने लैप्रोसी से जूझ रहे मरीजों की सेवा करना शुरू की। यह बात उनके परिवार को पसंद नहीं थी। क्योंकि, सत्यानंद अमीर परिवार से आते थे उनके पिता चाहते थे कि वे उनकी तरह बिजनेसमैन बने। पर सत्यानंद की इच्छा कुछ ओर करने की थी।
हिमाचल की जलवायु को अमेरिका से मिलती जुलती देख उनके मन में सेब उगाने का आइडिया आया और उन्होंने हिमाचल में सेब की खेती शुरू की। साल 1916 में फिलेडेल्फिया से सेब के कुछ पौधे और बीज मंगाए और खेती शुरू की और उनका ये आयडिया आने वाले समय में हिमाचल के लिए एक आर्थिक क्रांति साबित हुआ। इसके बाद समय के साथ हिमाचल में सेब की खेती फैलती चली गई और आज हिमाचल का सेब पूरी दुनिया में मशहूर है।
बता दें कि अमेरिका के होते हुए भी सत्यानंद ने भारत की आजादी के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी थी। साल 1919 में जलियावाला बाग़ हत्याकांड से उन्हें गहरा आघात पहुंचा था और उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की। बाद में उनकी महात्मा गांधी से भी दोस्ती हुई और उन्होंने सत्यानंद को पंजाब प्रोविंस कमिटी का मेंबर बना दिया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वे कई बार जेल भी गई। बाद में उन्होंने हिन्दू धर्म अपना लिया और भारतीय लड़की से शादी की। उनका असली नाम सैमुएल स्टोक्स था जिसे बदलकर उन्होंने सत्यानंद रख लिया। 1946 में उनका लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया।