प्रदेश सरकार द्वारा गरीब, बेसहारा और विधवाओं की मदद के लिए दर्जनों योजनाएं चलाई गई हैं। लेकिन प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही से उन योजनाओं का लाभ उन पात्र व्यक्तियों तक नहीं पहुंच पा रहा है जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है। चंबा जिला के हरिपुर पंचायत के भद्रंम गांव की बंदना कुमारी पति का साया सर से उठने के बाद अपने दो बच्चों के साथ ऐसे मकान में रह रही है जो कभी भी जमींदोज हो सकता है ।
करीब तीन-चार महीने पहले बरसात के समय बंदना कुमारी के घर के नीचे से भूस्खलन की वजह से दीवार गिर जाने से मकान को पूरा खतरा बन गया है। पूरे मकान में बड़ी-बड़ी दरारें आ गईं। अपनी इस समस्या को लेकर वह पंचायत प्रधान के पास गुहार लगा चुकी हैं लेकिन पंचायत प्रधान को इन गरीब और बेसहारा लोगों पर जरा भी तरस नहीं आया।
काफी दिन इंतजार के बाद यह बेसहारा प्रशासन के पास पहुंची प्रशासन ने इस बेसहारा को आश्वासन तो दिया लेकिन आज 4 महीने बीत जाने के बाद भी यह अपने बच्चों के साथ जिंदगी मौत की जंग लड़ रही है। सुबह शाम हमेशा इसे अपने बच्चों के साथ इस मकान के निचे दब जाने का खतरा रहता है। आखिर तह गरीब जाए तो जाए कहां। किसी भी पंचायत प्रतिनिधि या प्रशासन के अधिकारियों को इस बेसहारा परिवार के ऊपर जरा भी तरस नहीं आ रहा है।
विधवा और बेसहारा बंदना कुमारी ने बताया की करीब 4 महीने पहले उसके घर के नीचे की दीवार गिर गई थी जिससे उसके घर में दरारें आ गई हैं। वह अपने बच्चों के साथ यहां बहुत ही खतरे में रह रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें हमेशा ही घर में दबने का खतरा रहता है।
बंदना कुमारी ने बताया कि उसने इस समस्या की लिए पंचायत प्रधान के पास गुहार लगाई थी लेकिन प्रधान ने उनकी बात नहीं मानी। बाद में वह प्रशासन के पास भी गई थी उन्होंने आश्वासन तो दिया था लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं की गई है। बंदना ने सरकार से एक बार फिर आग्रह किया है कि उनके घर के निचे सुरक्षा दीवार लगा उसके घर को गिरने से बचाया जाये।