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इस गांव के लोगों ने किया चुनाव का बहिष्कार, कहा ‘पानी नहीं तो वोट नहीं’

रोबिन, पावंटा साहिब |

लोकसभा चुनाव में शिलाई के  कांडो भटनोल उठाऊ पेयजल योजना नेताओं के गले की फांस बंस सकती है। प्रदेश की पूर्व व वर्तमान दोनों सरकारों ने क्षेत्रीय लोगो की अनदेखी की है, योजना को बनते बनते 12 साल पूरे हो चुके है। लेकिन ग्रामीणों को एक बून्द पेयजल नसीब नहीं हो पाया है। बर्ष 2017 में तत्कालीन प्रदेश मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने योजना का उद्धघाटन किया है  लेकिन लोगो फिर भी बून्द बून्द को क्षेत्रवासी तरस रहे है गुस्साए ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

चिचेड़ खड्ड से गिरनोल उठाऊ पेयजल योजना की 3 अक्टूबर 2007 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आधारशिला रखी, कांडो-भटनोल, बांदली और श्रीक्यारी पंचायतों के अलावा साथ लगती पंचायतों के छोटे छोटे दर्जनों गावों सहित लगभग 70 गावों के 16 हजार लोगों को पेयजल सुविधा का लक्ष्य रखा गया, विभगीय लापरवाही, अनदेखी के कारण लगभग 2 करोड़ 60 लाख से बन रही योजना में खूब लीपापोथी की गई, घटिया सामंग्री का इस्तेमाल किया गया, कई जगह योजना की लाइन आसमान में झूलती नजर आती है, तो कई जगह से पाइपें चोरी हो गई, स्टोर टेंक बने तो जरूर, लेकिन टेंकों तक पानी न पहुंचने के कारण स्टोर टेंक में कई जगह दरारे आ गई तो कई टेंक टूट गए है पेयजल लाइनों में जंग लगने के बाद जगह जगह टूट गई है शिकायते की गई लेकिन फरियाद सुनाने वाले अधिकारी, नेता समाधान करने मौका पर नहीं पहुंचे, वर्ष 2017 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री योजना का उद्धघाटन करने जरूर पहुंच गए कोई निरिक्षण किये बिना ही योजना का उद्धघाटन कर दिया तथा कागजो पर क्षेत्र वासियों को पानी की सप्लाई शुरू कर दी गई।

पिछले 12 सालों में कांग्रेस व भाजपा दोनों दलों ने बारी बारी प्रदेश में सरकार बनाई है  तथा एक दूसरे पर आरोपप्रत्यारोप लगा कर लोगो को गुमराह करके  योजना को पूर्ण करवाने का झांसा देते रहे पूर्व सरकार ने तो छलावा किया ही है लेकिन वर्तमान सरकार भी लोगो की समस्या को सुलझाने में खरी नहीं उतरी है लाभन्वित समूचे क्षेत्र ने दोनों  पार्टी के नेताओं का बहिष्कार करने का मन बनाया है।

योजना पूर्ण नहीं फिर भी रिपेयर में खर्च के दिए लाखों रूपये

योजना में भ्रष्टाचार चरम पर रहा है पहले बनाने में सरकारी पैसों का गबन किया गया फिर  रिपेयर के लिए 20 लाख से अधिक की राशि स्वीकृत हुई लेकिन योजना की लाइन अभी तक खस्ताहाल है। गावों के लिए पेयजल लाइने नहीं बिछी है फिर विभाग ने रिपेयर के नाम पर कंहा पैसा खत्म कर दिया यह जांच में सामने आ पाएगा।
 
राजनीतिक लाभ लेने वाली कांग्रेस सरकार के पूर्व मुख़्यमंत्री की उद्धघाटन पट्टिका को लोगों ने यह कह कर तोड़ दिया है कि पूर्व सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। योजना बनी ही नहीं फिर भी उद्धघाटन किया गया, जब योजना पूर्ण ही नहीं है तो उद्धघाटन किसका करना था ऐसे उद्धघाटन क्षेत्रीय लोग नहीं मानते है जिसमे विकास की जगह केवल नाम का फट्टा लगाने की होड़ हो इसलिए उद्धघाटन पट्टिका को हटाया गया है।

प्रदेश सरकार सहित स्थानीय नेताओं, अधिकारीयों ने उनके साथ धोखा किया है योजना के नाम पर करोड़ो रूपये का गबन किया है इसलिए इस बार चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा उसके बाद प्रदेश सरकार के साथ अधिकारीयों का घेराव निश्चित है।

क्या कहते हैं अधिकारी

सिचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिशासी अभियंता विपिन कुमार बताते है कि मामला उनके कार्यकाल से पहले का है इसलिए उन्हें पूर्ण जानकारी नहीं है पहले निरिक्षण किया जाएगा फिर कार्यवाही की जाएगी।

3 पंचायत की महिलायें पानी ना मिलने से परेशान महिलाएं बुजुर्ग औऱ बच्चे पानी की  क़िल्लत झेल रहे हैं। दिन मै इन सबको अपनी रोज़मर्रा जीवन व पशुओं के लिये पानी ढो कर लाना पड़ता है। कई बच्चों को स्कूल से अनुपस्थित होकर अपने बुजुर्गों के साथ पानी को जाना पड़ता है। यहां लगभग 10 वर्षों से लगभग बंद पड़ी पेयजल योजना को ही मानते है। पानी न मिलने से घरेलू कार्य में समस्या उत्पन्न हो जाते हैं पर अगर इन नेताओं ने अपनी समस्या का समाधान नहीं किया तो महिला शक्ति अब जाग चुकी है लोकसभा के चुनाव का बहिष्कार करने को कहे रहे हैं।