चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत टकोली का गांव बरोटा आजादी के 70 वर्षों के बाद भी विकास की रोशनी से महरूम है। ऐसे में सरकार से गुस्साए ग्रामीणों ने आने वाले विधानसभा चुनावों के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब गांव के लिए कोई सरकार मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नहीं करवा पाई है तो ऐसे में वे अपने मताधिकार का प्रयोग भी क्यों करेंगे।
गांव के बाशिंदों के लिए सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं आज के इस दौर में भी किसी सपने से कम नहीं हैं। चुनाव आते हैं, सरकारें बदलती हैं लेकिन इस गांव की कहानी आज तक नहीं बदली। चुनावी दौर में हर पार्टी के नेता और उनके समर्थक वोट मांगने तो पहुंच जाते हैं और सुविधाओं को देने का वायदा भी करते हैं लेकिन बात वायदों पर ही अटक जाती है।
कई लोग घर छोड़ने को हुए मजबूर
सुविधाओं के अभाव में गांव से काफी संख्या में ग्रामीण लोग घर छोड़ने को हुए मजबूर हैं। इस गांव में खाली और लंबे समय से बंद पड़े घर दिखाई देते हैं, जो सुविधाओं के अभाव को पुख्ता करते हैं। यदि इस ओर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो सपविधाओं के अभाव में ये गांव खंडहर में बदल जाएगा।
स्कूल के बच्चे रोजाना करते हैं 4 से 5 किलोमीटर सफर
हालात ये हैं कि छोटे-छोटे बच्चे स्कूल के लिए रोजाना 4 से 5 किलोमीटर दूर जंगल और बीच में बहने वाली खड्ड से होकर गुजरते हैं। जंगल और खड्ड पार करवाने के लिए रोजाना अभिभावकों को साथ आना पड़ता है। बीमारी की हालत में चारपाई पर डाल कर मरीज को सड़क तक पहुंचना बहुत मुश्किल हो जाता है।