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मंडी के इस युवा ने छेड़ी अनूठी मुहिम, खुले में शौच करने वालों को ऐसे सिखा रहे सबक

नवनीत बत्ता |

मंडी शहर को गंदगी और बीमारी से दूर रखने के तहत पड्डल वार्ड निवासी शरद मल्होत्रा ने सुबह-शाम खुले में शौच करने वालों के खिलाफ एक अनूठी मुहिम छेड़ी है। शरद मल्होत्रा ने इन दिनों खुले में शौच करने वालों के खिलाफ एक अभियान छेड़ रखा है। शरद पंचवक्त्र मंदिर के पास ब्यास नदी के तट पर शौच करने वालों को खदेड़ने का काम कर रहे हैं और अब इन्होंने शौच करने वालों को शर्मिंदगी महसूस करवाने के लिए एक नया तरीका ईजात किया है।

शरद खुले में शौच करने वालों को हार पहनाकर सम्मानित कर रहे हैं और इसका पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर लाइव दिखा रहे हैं। शरद मल्होत्रा द्वारा दिखाए जा रहे यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं और लोग जमकर शरद के इस कार्य की प्रशंसा कर रहे हैं। बता दें कि शरद मल्होत्रा पेशे से फिजियोथैरेपिस्ट हैं।

ब्यास नदी के किनारे फैल रही गंदगी

शरद मल्होत्रा ने बताया कि वह आए दिन देखते हैं कि शौचालय होने के बावजूद लोग ब्यास नदी के किनारे पर गंदगी फैला रहे हैं। इसी बात से आहत होकर उन्होंने बीते कई दिनों से यह अभियान चला रखा है। शरद के इस अभियान को ज्यादा बल सोशल मीडिया पर लाइव करने से मिला। क्योंकि शौच करने वालों को इससे ज्यादा शर्मिंदगी महसूस हुई। शरद बताते हैं कि उन्हें इस अभियान में काफी सफलता मिली है और नदी किनारे शौच करने के लिए आने वालों की संख्या अब नाममात्र की ही रह गई है।

खुले में फैलाई जा रही गंदगी को रोकने की पहल

शरद रोजाना सुबह उठकर हाथ में एक डंडा, मोबाइल और हार लेकर ब्यास नदी के तट पर पहुंच जाते हैं। यहां पहुंचते ही उन्हें जो भी शौच करता हुआ मिलता है वह उसकी इस हरकत को लाइव दिखाने के साथ उसे हार भी पहनाते हैं। शरद ने बताया कि डंडा वह अपनी सुरक्षा के लिए ले जाते हैं, जबकि उन्होंने कभी किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की। बल्कि सिर्फ लोगों को शर्मिंदगी महसूस करवाने का ही प्रयास किया, ताकि खुले में फैलाई जा रही गंदगी को रोका जा सके। शरद लोगों को गुस्से भरे लहजे में बाहर शौच न करने को लेकर समझाते हैं। साथ ही वह इसकी सूचना सेनिटरी इंस्पेक्टर प्रदीप दीक्षित को भी देकर उन्हें भी मौके पर बुला रहे हैं।

नदी के किनारे अधिकतर वह लोग शौच करने के लिए आ रहे हैं जो बाहर से आए हुए हैं। स्थानीय लोग ऐसी हरकत नहीं करते। अधिकतर वह लोग हैं जो यहां होटलों या ढाबों में काम करते हैं। शरद लोगों को समझाते हैं कि नगर परिषद ने शहर में शौचालय बना रखे हैं और जिनके पास यह लोग काम करते हैं यह उनका फर्ज बनता है कि अपने कर्मचारियों को शौच करने के लिए खुले में न भेजें। शरद ने कहा कि वह अपने इस अभियान को तब तक जारी रखेंगे जब तक मंडी शहर में ब्यास नदी के तट पर खुले में शौच करने का क्रम बंद नहीं हो जाता।