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वोटर लिस्ट में नाम न होने से मायूस हुए प्रदेश के हजारों प्रत्याशी

मृत्युंजय पुरी |

प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव में अपना भाग्य आजमाने वाले हजारों प्रत्याशियों को स्टेट इलेक्शन की पंचायत चुनाव की जारी वोटर लिस्ट में नाम ना होने के कारण मायूसी हाथ लग रही है। इससे हजारों युवा जो चुनाव लड़ने की चाह पाले हुए थे उनकी उम्मीदों को विभाग द्वारा जारी वोटर सूचियां धक्का लगा रही हैं। अगर विभाग की इन सूचियों की बात की जाए तो इनमें मृत लोगों के वोट तो दिखाए गए हैं लेकिन जो युवा पिछले 5 वर्षों के दौरान 18 वर्ष की उम्र पार करके चुनावो में अपने मत का प्रयोग करने के लिए आतुर थे उन्हें सूचियों में नाम ना होने के कारण मायूस होना पड़ा है। 

वहीं, विभाग का मानना है कि जो तिथियां उन्होंने निर्धारित की थी उसके दौरान जिन लोगों ने अपनी अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई थी उनके नाम स्टेट इलेक्शन द्वारा जारी वोटर लिस्टों में डाल दिया गया है, लेकिन कहीं ना कहीं लोगों तक जानकारी न पहुंच पाने के कारण भी ऐसा देखने को मिल रहा है।

पंचायत चुनाव से पहले होती थी डोर टू डोर मतों की पहचान

पंचायत चुनाव का बिगुल बजने से पहले स्टेट इलेक्शन कमीशन पहले डोर टू डोर मतों की पहचान हुआ करती थी। जो लोग 18 वर्ष की आयु पूरी करते थे उनकी गणना व बनाई जाने वाली लिस्ट में नाम दर्ज किए जाते थे। लेकिन इस मर्तबा स्टेट इलेक्शन कमीशन ने ऐसा नहीं करवाया है जिसके कारण हजारों युवा पंचायत चुनाव में अपने मत का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। 

चुनावी रण में उतरने वाले सैकड़ों युवा प्रत्याशी मायूस

पंचायत चुनाव में पहली बार युवा प्रत्याशी बढ़ चढ़कर भाग लेने वाले हैं। लेकिन स्टेट इलेक्शन कमीशन की वोटर लिस्टों में नाम ना होने के कारण इन प्रत्याशियों को मायूसी हाथ लगी है और प्रत्याशी जिला स्तर पर तैनात अधिकारियों के कार्यालयों में चक्कर काटने के लिए विवश हो रहे हैं। जिला कांगड़ा में सैकड़ो प्रत्याशी वोटर लिस्ट में नाम ना होने के कारण जिला पंचायत अधिकारी और उपायुक्त कांगड़ा के पास अपनी आपत्तियां दर्ज करवा चुके हैं।

क्या कहते हैं जिलाधीश कांगड़ा

इस संदर्भ में जब जिलाधीश कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास कई लोग जो चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन वोटर लिस्ट में नाम ना होने के कारण वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे वे अपनी आपत्तियां लेकर उनके पास आए थे, उन्होंने स्टेट इलेक्शन कमीशन को इस संदर्भ में जानकारी भेज दी है, लेकिन फिलहाल वहां से कोई आदेश उन्हें जारी नहीं हुए हैं।