केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सुजानपुर राष्ट्रीय होली मेले में सुजानपुर की हस्त शिल्प महिला कामगरों के स्टॉल नंबर 36 में बने प्रोडक्टों की गुणवत्ता की प्रशंसा करते हुए इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी छलांग बताया है।
अनुराग ठाकुर के मार्गदर्शन में प्रयास स्वयं सेवी संस्था ने हस्तशिल्प कारीगरों की स्थायी आजीविका को बढ़ाने और हस्तशिल्प की कला को जीवित रखने के लिए पिछले दिनों सुजानपुर में शून्य से शिखर कार्यक्रम की शुरुआत की है जिसके अंतर्गत कढ़ाई,लेस और बांस के 30 ससे अधिक कामगारों की 52 दिवसीय ट्रेनिंग दी गई है। इस ट्रेनिंग के बाद राष्ट्रीय स्तर के सुजानपुर मेले में इन महिलाओं ने अपने प्रोडक्ट का एक स्टाल लगाया है जिसे देखने के लिए लोग खिंचे चले आ रहे हैं
स्टॉल पर पहुंचे अनुराग ठाकुर ने कहा ”हिमाचल प्रदेश देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध है और यहां के लोगों में अदभुद प्रतिभा देखने को मिलती है। हस्तशिल्प के नाम पर यहां पत्थर, धातु की मूर्तियां, गुड़िया, मिट्टी के बर्तनों, चित्रों, कालीनों, शॉल की देश विदेश में भारी मांग है। लेकिन हिमाचल प्रदेश के कारीगरों को नई तकनीक, मांग और बाजार लिंकेज की कमी जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों के चलते हिमाचल प्रदेश के उत्पादों को व्यापक रूप से बाहर पहुंचने में बाधा आ रही है।
इसे देखते हुए हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में प्रयास संस्था हिमाचल प्रदेश के हैंडीक्राफ़्ट्स उद्योग के सामने आने वाली इन परेशानियों को दूर करने के लिए शून्य से शिखर कार्यक्रम की शुरुआत की है। प्रयास संस्था के शून्य से शिखर प्रोग्राम के माध्यम से सुजानपुर की महिलाओं के सपनों को एक नई उड़ान मिली है। इस प्रोग्राम से ज़रिए महिलाएं अपनी मेहनत और हुनर से कई तरह के प्रोडक्ट बना कर अपना सामाजिक और आर्थिक विकास कर आत्मनिर्भर बन रही हैं”
अनुराग ठाकुर ने कहा पिछले दिनों प्रयास संस्था ने सुजानपुर में महिला हस्तशिल्प कामगारों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम शुरू किया है जिसके सकारात्मक परिणाम आज इस राष्ट्रीय होली मेले में देखने को मिला है।स्टॉल संख्या 36 में तैयार रखे सारे प्रोडक्ट एक्सपोर्ट क्वालिटी के हैं और हमें इन महिलाओं के हुनर व मेहनत पर गर्व है। प्रयास संस्था जनकल्याण के क्षेत्र में उलेखनीय कार्य कर रही है। संस्था के इस कार्यक्रम से क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण को एक बड़ी छलांग मिली है।इस क्षेत्र में काम करने वाली अन्य संस्थाओं से मेरी अपील है कि वो हिमाचल में हस्त शिल्प उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आगे आएँ जिससे महिलाओं व कुशल कारीगरों को रोज़गार मिले व हिमाचल की हस्तशिल्प कला का दुनिया भर में प्रचार प्रसार हो सके”