देशभर में आज स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ को बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जा रहा है। इसी बीच हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित मैक्लोडगंज से चलने वाली निर्वासित तिब्बत सरकार की ओर से भी भारत की आज़ादी को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। मैक्लोडगंज स्थित अपनी पार्ल्यामेंट काशग में प्रधानमंत्री पेम्पा सेरिंग ने बतौर प्रधानमंत्री पहली मर्तबा तिरंगा लहराकर भारत को आज़ादी के जश्न की बधाई दी है।
इस दौरान पेम्पा सेरिंग ने कहा कि ये उनके लिए पहला अनुभव है जो भारत की आज़ादी को वो निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधामंत्री के तौर पर सेलिब्रेट कर रहे हैं। इसलिये इसके लिये क्या प्रोटोकॉल रहता है इसके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं रखते। मगर फिर भी उनकी ओर से अपने राजनीतिक हस्तियों और सचिवों के साथ भारत का तिरंगा झंडा फ़हराते हुये भारत का राष्ट्रीय गान गाया गया है।
पेम्पा सेरिंग ने कहा कि भारत ने इस आज़ादी को लंबे संघर्ष के बाद हासिल किया है जिसमें हिंसा और अहिंसा दोनों ही हथियारों का प्रयोग किया था। महात्मा गांधी के योगदान को कोई नहीं भुला सकता जिन्होंने सत्य और अहिंसा के बल पर अंग्रेजों को इस देश से बाहर खदेड़ने पर विवश कर दिया था। आज धर्मगुरु दलाईलामा भी उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुये अहिंसा के बल पर अपने देश तिब्बत को आज़ाद करवाना चाहते हैं। इसलिये क्योंकि चीन ने तिब्बत को जोर जबरदस्ती के साथ दबोच रखा है, मगर एक दिन जरूर आयेगा जब हम भी अपने देश की आज़ादी का जश्न तिब्बत में बड़े ही धूमधाम से मनाएंगे और खुद का झंडा तिब्बत में फहराएंगे।