निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों के सबसे बड़े एनजीओ तिब्बती यूथ कांग्रेस ने चीन को बेनकाव करने के लिए भारत-तिब्बत सीमा बाइक रैली का आयोजन किया। बाइक रैली को सांसद किशन कपूर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इंडो-तिब्बत बॉर्डर बाइक रैली का उद्देश्य चीन के उन सभी झूठे ताने-बानों और अत्याचारों के लिए बेनकाब करना है, जो न केवल तिब्बतियों के लिए बल्कि दुनिया में बड़े पैमाने पर किए गए हैं। यूथ कांग्रेस ने भारतीय जमीन पर चीनी सैनिकों की हालिया अवैध घुसपैठ की भी निंदा की है।
मैक्लोडगंज से 56 बाइकर रवाना हुए हैं। ये किन्नौर से भारत-तिब्बत (चीन) बॉर्डर तक जाएंगे। पांच दिवसीय यह बाइक रैली 23 नवंबर को अपने गंतव्य तक पहुंचेगी। तिब्बती भारत में शरणार्थियों की तरह रह रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में जिला कांगड़ा के मुख्यालय धर्मशाला में ये काफी संख्या में रहते हैं। मैक्लोडगंज से इनकी निर्वासित सरकार चलती है। यहीं पर धर्म गुरु दलाई लामा भी रहते हैं और उनका भव्य मंदिर है। तिब्बती शरणार्थी लंबे अरसे चीन से आजादी आजाद तिब्बत की मांग कर रहे हैं। चीन के अत्याचारों के खिलाफ तिब्बती एनजीओ और अन्य लोग अकसर आवाज उठाते रहते हैं। लेकिन चीन से अब तक आजादी नहीं मिल पाई है।