जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, कांगड़ा द्वारा भूकम्प रोधी निर्माण तथा रेट्रोफिटिंग के ऊपर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी डॉ हरीश गज्जू ने कहा कि भूकंप से नुक्सान को कम करने के लिए ईमारतों की रेट्रोफिटिंग जरूरी है तथा इसी दिशा में प्रारंभिक तौर पर विद्यालयों तथा अस्पतालों की इमारतों को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से रेट्रोफिटिंग का प्रयास आरंभ किया गया है। उन्होने बताया कि अभी तक 10 ईमारतों की रेट्रोफिटिंग के लिए राज्य आपदा प्रबन्धन ने पैसे जारी किए हैं। इन 10 ईमारतों में अस्पताल और स्कूल शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के लिए 30 ईमारतों का चयन किया गया है। कार्यक्रम में हमीरपुर से डॉ हेमन्त विनायक ने स्रोत व्यक्ति के रूप में हिस्सा लिया। डॉ हेमन्त विनायक ने निर्माण कार्यों के में आने वाली विभिन्न कमियों के बारे में बताया।
उन्होंने ईमारतों की रेट्रोफिटिंग की विभिन्न तकनीकों के बारे में भी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बताया कि भूकम्प के लिए अति संवेदनशील होने के कारण कांगड़ा में सुरक्षित भवन निर्माण की जरूरत है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य, शिक्षा, पुलिस, लोक निर्माण विभागों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में जिला आपदा प्रबंधन, कांगडा की तरफ से मात्र समन्वयक भानु शर्मा तथा रॉबिन कुमार उपस्थित रहे।
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