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बल्ह घाटी के ‘टमाटर’ का रंग पड़ा फिका, सड़क किनारे लगे ढेर

समाचार फर्स्ट |

हिमाचल प्रदेश की बल्ह घाटी में टमाटर की बंपर पैदावार के बावजूद किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। कई दिन से किसान टमाटर का एक क्रेट 50 से 80 रुपये बेचने को मजबूर हैं। एक क्रेट में 20 से 22 किलोग्राम तक टमाटर होता है। कुछ किसानों ने इस दाम पर टमाटर बेचना तो दूर खेतों से टमाटर निकाला भी मुनासिब नहीं समझा।

इस बार बल्ह में टमाटर की चार गुणा पैदावार होने के साथ 900 हेक्टेयर भूमि पर की गई है, जो पिछले वर्ष के मुक़ाबले 200 हेक्टेयर ज्यादा है। घाटी में नगदी फसलों की पैदावार सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी का साधन है, जहां गत वर्ष एक क्रेट के 800 से 900 रुपए दाम मिला था। वहीं इस वर्ष 22 किलो का क्रेट 80 रुपए में बिक रहा है।

फसल के उचित दाम न मिलने से किसानों को गहरा झटका लगा है। यह भी बताया जा रहा है कि इन दिनों पंजाब और हरियाणा में टमाटर की बंपर फसल हुई है। इस कारण बल्ह के टमाटर की डिमांड बेहद कम हो गई है। किसानों ने प्रदेश सरकार से रोष जताते हुए कहा कि न पहले उन्हें टमाटर का बीज मुहैया नहीं करवाया गया।

अब जब मेहनत कर किसान ने बंपर फसल उगाई है तो न ही अब समर्थन मूल्य मिला रहा है और न ही फसल के बीमे की सुविधा सरकार की ओर से दी गई है। एक तरफ सरकार युवाओं को खेती की तरफ आकर्षित करना चाह रही है. वहीं दूसरी तरफ अब टमाटर उत्पादकों की अनदेखी हो रही है।

लोगों का कहना है कि सरकार को बल्ह क्षेत्र में एक सॉस बनाने वाली फैक्ट्री लगानी चाहिए, ताकि क्रेट न मिलने पर टमाटर को फैक्ट्री पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा सरकार को सेब की तरह टमाटर का समर्थन मूल्य देना चाहिए, ताकि किसानो को राहत मिल सके।

टमाटर की बंपर पैदावार बाजार में आना शुरू हो गई है। किसानों का टमाटर हड़ताल की वजह से एक जगह एकत्र हो गया था। वहां पर टमाटर का रेट एकदम गिर गया है। इसके चलते यहां भी टमाटर का रेट गिर गया है. इससे पहले बल्ह घाटी का टमाटर कुल्लू, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा और जम्मू जा रहा था। पंजाब का टमाटर आते ही यहां पर डिमांड ना के बराबर हो गई है।

टमाटर का बाजार बीते साल के मुकाबले डाउन है। किसानों का कहना है की टमाटर की मार्किट पिछले साल के मुकाबले बिल्कुल डाउन है। पंजाब हरियाणा से इस वर्ष कोई भी व्यपारी टमाटर लेने नहीं आया, इस लिए खेतों में पड़ा टमाटर खराब हो रहा है। उनका कहना है कि पंजाब और हरियाण में फसल ज्यादा है, इसलिए हिमाचल के किसानो को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पहले हिमाचल का टमाटर पाकिस्तान भेजा जाता था, लेकिन बॉडर बंद होने से टमाटर का दाम बिल्कुल लुढ़क गया है।