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शिमला को सबसे ख़ूबसूरत मानने वालों, थोड़ा सा आगे बढ़कर देखो उससे भी ख़ूबसूरत जगह है ‘शोघी’

रिकी योगेश |

हिमाचल प्रदेश हमेशा से ही अपनी ख़ूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां शिमला, कुल्लू-मनाली, कसौली, धर्मशाला- मैकलॉडगंज, डलहौज़ी और खज़ियार जैसी कई अन्य ख़ूबसूरत जगहें हैं, जो हमेशा से ही पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती हैं। ये सभी जगहें अपनी एक अलग पहचान के लिए जानी जाती हैं। ऐसी ही ख़ास विशेषता के साथ हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा कस्बा है शोघी। शिमला से मात्र 13 किमी दूर स्थित ये छोटा सा हिल स्टेशन अपनी अलौकिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहां आपको हर कदम पर मंदिर ही मंदिर दिखाई देंगे। इसीलिए शोघी को 'सिटी ऑफ़ टेंपल' भी कहा जाता है। इस शहर को देखकर ऐसा लगेगा मानो हर क़दम पर भगवान आपके साथ-साथ चल रहे हैं।

इस छोटे से हिल स्टेशन का इतिहास 19वीं शताब्‍दी से पहले का है, जिस दौरान एंग्लो-गोरखा युद्ध हुआ था।

1. तारा देवी मंदिर

यहां के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है, तारा देवी टेंपल. 250 साल पुराने इस मंदिर में साल भर भक्तों का हुजूम देखने को मिल जायेगा। शिमला से लगभग 13 किलोमीटर पहले ही स्थित शोघी नेशनल हाइवे-22 के पास तकरीबन 5700 फ़ीट की ऊंचाई पर बसा है। शहर की भीड़-भाड़ वाली ज़िंदगी से दूर घने जंगलों और ऊंची पर्वत चोटियों से घिरा शोघी हर पर्यटक की पहली पसंद बनता जा रहा है।

2. ताज़े फ़लों के जूस के लिए प्रसिद्ध

शोघी ताज़े फलों के जूस बनाने के लिए पूरे हिमाचल में प्रसिद्ध है। यहां के कारखानों में बने ताज़े जूस की चाहत पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां पर कई तरह के फल उगाये जाते हैं।

3. ट्रेकिंग और कैंम्पिंग

कई मंदिरों के साथ ये जगह ट्रेकिंग और कैंम्पिंग के लिए भी फ़ेमस है। शोघी अपनी ट्रेकिंग के लिए जाना जाता है। पर्यटक यहां के घने जंगलों और टेढ़े-मेढ़े कच्चे रास्तों से होकर कई किमी की ट्रेकिंग करते हैं। प्रकृति के सुन्दर नज़ारों के बीच फ़ोटोग्राफी का मज़ा ही कुछ अलग है साथ ही यहां फ़ैमिली के साथ कैंम्पिंग करना बेहद ख़ास है।

4. क्या देखें

शोघी में तारा देवी मंदिर के अलावा भी कई ऐसे मंदिर और अन्य जगहें हैं, जो बेहद शानदार हैं। इनमें प्रमुख हैं काली मंदिर, हनुमान मंदिर, जाखू हिल, वाइसरेगल लॉज और कंडाघाट।

5. क्या खायें

पहाड़ों के व्यंजनों का मज़ा लेना चाहते हैं तो यहां आपको हिमाचल की कोई भी लोकल डिश आसानी से मिल जाएगी। साथ ही यहां बनने वाले लोकल प्रोडक्ट्स जैसे- अचार, जूस, शर्बत और जेली भी पर्यटकों को ख़ूब पसंद आते हैं।

6. जाने का सही समय

यहां सालभर मौसम बेहद शानदार रहता है। लेकिन सितंबर से नवंबर यहां जाना सबसे अच्छा होगा। जबकि नवंबर से जनवरी तक आप यहां बर्फ़ का आंनद उठा सकते हैं। बाकि गर्मी से बचने के लिए आप फ़रवरी से लेकर जून तक आप यहां घूमने-फिरने जा सकते हैं।

7. कैसे पहुंचें ?