चंडीगढ़-मनाली हाइवे-21 पर बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों के लिए सफर करना खतरे से खाली नहीं है। हाइवे पर कई जगह पर न तो क्रैश बेरियर लगे हैं, न ही किसी तरह के कोई चेतावनी बोर्ड है। जिससे पर्यटकों को यहां के अंजान रास्तों से बारे में जागरूक किया जा सके। जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण शनिवार को भी दिल्ली से मनाली घुमने जा रहे दो युवक पहाड़ी से नीचे गिरकर घायल हो गए थे। जिन्हे उपचार के लिए बिलासपुर अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।
हाइवे पर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं
बरसात का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में हाइवे पर बारिश और कीचड़ के कारण वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं रह जाता। बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक यहां के रास्तों को समझ नहीं पाते व हादसों का शिकार हो जाते हैं। बिलासपुर जिला कुल्लू, मनाली जाने वाले पर्यटकों के लिए प्रवेश द्वार है। ऐसे में अगर प्रशासन यहां पर पर्यटकों को यहां की सड़कों की स्थिति व ड्राइविंग करने के तरीकों के बारे में जागरूक करे तो हिमाचल में होने वाले हादसों में कमी आ सकती है। लेकिन प्रशासन की ओर से ऐसा कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया जाता।
प्रशासन ने नहीं लगाए चेतावनी बोर्ड
इसके अलावा स्वारघाट से नौणी तक का कुछ एरिया ऐसा भी है, जहां पर आजतक क्रेश बेरियर नहीं लगे हैं। हल्की चुक से कोई भी वाहन हजारों फुट गहरी खाई में जा सकता है। जबकि पहाड़ों से गिरने वाले पत्थरों की चपेट में आने से भी वाहन खाई में समा सकते हैं। शनिवार को भी दिल्ली से घुमने जा रहे युवक सेल्फी के चक्कर में गहरी खाई में गिर गए। जिन्हे बाद में कड़ी मश्कत के बाद बाहर निकाला गया। गनीमत रही की दोनों दोस्तों की जान बच गई। अगर यहां पर प्रशासन ने चेतावनी बोर्ड लगाए होते तो शायद ऐसा हादसा न होता।
स्वारघाट से आगे गहरी खाइयां और घुमावदार मोड़
हर साल ऐसे कई हादसे इस चंडीगढ़-मनाली हाइवे पर होते हैं। पुलिस के सड़क हादसों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा हादसे भी स्वारघाट से नौणी तक के 45 किलो मीटर तक के एरिया में ही होते हैं। जिला में अभी तक सड़क हादसों में कई लोग अपनी जा गवां चुके हैं, जबकि कई घायल भी हो चुके है। सबसे ज्यादा घायल व जान गवाने वाले लोग भी इस हाइवे पर हादसों पर शिकार हुए हैं। लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन की ओर से लोगों की सुरक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे में बिलासपुर लोनिवि डिविजन-दो के अधिशाषी अभियंता आत्माराम कालिया का कहना है कि क्रेश बेरियर लगाने के लिए एस्टीमेट बना कर आला अधिकारियों को भेजा गया है। जैसे ही पैसा मंजूर हो जाएगा वैसे ही कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।