जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जिस स्थान पर देश के 40 बहादुर जवान वीरगति को प्राप्त हुए हैं। लेकिन विकट परिस्थिति होने के बावजूद उसी धरती पर उन सैनिकों को सम्मान देने के लिए बिलासपुर से 'एक ईंट शहीद के नाम' के संयोजक संजीव राणा ने वहां जाकर न सिर्फ उन्हें श्रद्धाजंलि दी बल्कि उनके सम्मान में तिरंगा भी लहराया। संजीव राणा ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में इस घटनाक्रम ने न सिर्फ उन्हें बल्कि देश के हर व्यक्ति को झकझोड़ के रख दिया। चूंकि शहीदों के सम्मान में वे पहले से ही कार्यरत हैं, ऐसे में पुलवामा के शहीदों को उनके शहीदी स्थान पर श्रद्धांजलि देना उनके लिए गौरवमयी पल था। राणा ने बताया कि कश्मीर में हालात ज्यादा अच्छे नहीं रहे और स्थानीय लोगों में देश के प्रति सम्मान का अभाव है।
संजीव राणा ने कहा कि जब वे श्रीनगर पहुंचे तो पुलवामा जाने के लिए एक राहगीर से उन्होंने रास्ता पूछा तो उसने मुझसे पूछा कि क्या आप हिंदुस्तान से आए हो, उसका यह सवाल सुनकर वे हैरान हो गए, क्योंकि वे तो अपने देश में ही हैं और वह उनसे पूछ रहा है कि क्या आप हिंदुस्तान से आए हो, इस पर उन्होंने पूछा कि वे तो हिंदुस्तान में हैं, तो वह राहगीर बिना कुछ बताए आगे चला गया। उसके तुंरत बाद वे पुलवामा के उस स्थान की ओर निकल पड़े जहां जवानों की शहादत हुई थी। जब शहीदी स्थान पर पहुंच कर उन्होंने फूलों का हार श्रद्धांजलि देने के लिए निकाला तो स्थानीय लोगों ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने वहां पास खड़े सैनिक से पूछा तो उसने भी कहा कि यह संवेदनशील इलाका है। आप यहां ज्यादा देर तक न रुको। लेकिन उन्होंने किसी बात की परवाह न करते हुए सैनिको को श्रद्धांजलि दी और तिरंगा लहराया। राणा ने कहा कि वहां कुछ राजनीतिक लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के चक्कर में जनता को गुमराह कर रहे हैं।
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देश और लोकतंत्र के सम्मान में चलाया जाएगा तिलक अभियान
संजीव राणा ने बताया कि पुलवामा में उन्होंने न सिर्फ सैनिको को श्रद्धासुमन अर्पित किए बल्कि उनके सम्मान में तिरंगा भी फहराया। उन्होंने बताया कि पुलवामा में जहां सीआरपीएफ के जवानों की शहादत हुई है, वे वहां की मिट्टी भी अपने साथ लाएं हैं। इससे पहले वे कारगिल के उस स्थान से मिट्टी लेकर आए थे जहां सैंकड़ों सपूतों ने देश की खातिर अपने प्राणों की आहूति दी।
मेजर सुबेदार प्रेम मिनहास ने बताया कि देश के नौजवानों में सेना के प्रति सम्मान की भावना पैदा करने और लोकतंत्र की मजबूती के लिए 'एक ईंट शहीद के नाम' अभियान की ओर से कारगिल और पुलवामा की उस मिट्टी से बिलासपुर और साथ लगते जिलों में तिलक अभियान शुरु किया जाएगा, जिस मिट्टी में सैंकड़ों सपूतों ने देश की खातिर अपने प्राणों की आहूति दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत अधिक से अधिक नौजवानों को जोड़ा जाएगा।
मेजर सुबेदार मिनहास ने बताया कि यह मिट्टी हमारा अभिमान है और नौजवानों में देश के मान के को लेकर गर्व की भावना पैदा करने के लिए इस अभियान को शुरु किया गया है। नौजवानों को नशे जैसी बीमारी से दूर कर देश व समाज की सेवा करने की भावना पैदा करना बहुत जरु री है, जिसके लिए हमारी ओर से हमेशा प्रयास रहता है।