प्रदेश में वनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि वन हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं और प्रदेश की खूबसूरती वनों के कारण ही है। उन्होंने कहा कि वन सम्पदा का विस्तार एवं सरंक्षण प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है जिसका ईमानदारी के साथ निर्वहन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 28 प्रतिशत भूभाग पर जंगल है और हम इन्हें 38 प्रतिशत तक बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक वर्ष में लगभग 40 हजार बेटियां जन्म लेती हैं और हमारा प्रयास है कि प्रत्येक बेटी तक पहुंच कर उसके नाम से पांच पौधे लगवाने सुनिश्चित किए जाएं। इस तरह दो लाख पेड़ हर साल बेटियों के नाम पर ही तैयार होंगे और अभिभावकों का इन पेड़ों से भावनात्मक रिश्ता भी जुडे़गा और वे निश्चित तौर पर इनका लालन पालन भी अच्छी तरह से करेंगे।
गोविंद ठाकुर रविवार को कुल्लू के देवसदन में ‘एक बूटा बेटी के नाम’ योजना के तहत नवजात बच्चियों के नाम देवदार के पौधों के वितरण समारोह तथा श्रीनिवासन रामानुजन छात्र डिजिटल योजना के तहत जिला के मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप वितरण समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने इशानी, प्रीतिका, रिया ठाकुर, मानवी, अवीरा, आरूषी, अयांशिका तथा साक्षी ठाकुर को पांच-पांच देवदार के पौधे वितरित किए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का सीधा संबंध वनों से है और मशीनों के युग में पर्यावरण को प्रदूषण से केवल वन ही बचा सकते हैं। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे अनावश्यक जंगलों को नुकसान नहीं पहुंचाए, बल्कि एक पेड़ यदि कटता है तो उसकी जगह दस पेड़ लगाएं। इससे भी महत्वपूर्ण है वन सम्पदा को आगजनी से बचाना। उन्होंने युवा पीढ़ी से कहा कि वनों की रक्षा करने में वे अपनी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
बेहतर समाज की परिकल्पना को साकार बनाती है शिक्षा
शिक्षा के महत्व पर वन, परिहवन एवं युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री ने कहा कि हमें ऐसी शिक्षा प्रदान करनी है जो चरित्र का निर्माण करती हो, बौद्धिक विकास करती हो और एक अच्छा इन्सान बनाती हो। उन्होंने लैपटॉप प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि आपकी लग्न और मेहनत अच्छे समाज के निर्माण में योगदान करेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य महज नौकरी प्राप्त करना नहीं, बल्कि नौकरी प्रदाता के तौर पर विकसित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को पिछले वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में स्टेट आफ द स्टेटस अवार्ड प्रदान किया गया है। राज्य में बेहतर और रोजगारोन्मुख शिक्षा पद्धति को विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
कुल्लू जिला के 606 मेधावी प्राप्त करेंगे लैपटॉप
मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 10वीं तथा 12वीं कक्षा के लगभग 9700 मेधाविओं को लैपटाॅप वितरित किए जा रहे हैं और जिला कुल्लू में 606 मेधाविओं को लैपटाॅप वितरित किए गए। उन्होंने रविवार को जिला के प्रथम 20 तथा मनाली विधानसभा के लगभग 72 मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप वितरित कर जिले में योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निःशुल्क, सस्ती व सुलभ शिक्षा के चलते हम देशभर में अव्वल स्थान पर है। लड़कियों को स्नात्कोत्तर स्तर तक निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है।
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना में पंजीकरण करवाएं कामगार
भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की योजना के तहत इण्डक्शन वितरण समारोह के दौरान गोविंद ठाकुर ने कहा कि 18 से 60 साल आयुवर्ग के कामगारों को बोर्ड के पास अपना पंजीकरण अवश्य करवाना चाहिए। जिन कामगारों ने पिछले 12 माह में कम से कम 90 दिन तक सन्निर्माण कार्यो में काम किया हो अथवा मनरेगा या पंचायत द्वारा संचालित निर्माण कार्यो में काम किया हो, वह इस योजना के लाभ के लिए पात्र हैं। उन्होंने कहा कि जिला में 11692 कामगारों का पंजीकरण किया गया है जिनमें से 9696 को लाभ प्रदान किए गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के तहत पैंशन प्राप्त करने के हकदार बनने के लिए कामगारों से पंजीकरण करवाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जिला में 338 कामगारों को इण्डक्शन चूल्हे वितरित किए जा रहे हैं जिनमें से उन्होंने प्रतीक के तौर पर 6 महिलाओं को इण्डक्शन वितरित किए जिनमें रोशनी देवी, गुलाबी, कमला, विद्या देवी, हीरामणी तथा सीमा देवी शामिल हैं।
जिला के 36468 पेंशनरों के लिए 23 करोड़ का है प्रावधान
कल्याण विभाग के अनुवर्ती कार्यक्रम के तहत वन मंत्री ने 13 महिलाओं को शिलाई मशीनें वितरित की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत जिला को इस वर्ष 23.40 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है जिसमें से 22.89 करोड़ रुपये विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत 36468 पेंशनरों पर व्यय किया जा रहा है। गृह निर्माण के तहत अनुदान योजना के जिला में 81 मामले स्वीकृत कर एक करोड़ छः लाख रूपये वितरित किए गए हैं। अनुवर्ती कार्यक्रम के तहत 851 मामले स्वीकृत किए गए हैं। विकलांग विवाह अनुदान योजना के तहत 12 मामलों में 35 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जिला के 13 गांवों का चयन कर प्रत्येक के विकास के लिए 20 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है। दिव्यांग छात्रवृति योजना के तहत 11 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है।