हिमाचल प्रदेश कॉलेज राजकीय प्रध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामलाल ने शुक्रवार को धर्मशाला में आयोजित प्रेसवार्ता में प्रदेश सरकार से उठाई है कि प्रदेश सरकार पीएचडी, एमफिल की इंक्रीमेंट, कॉलेजों में पात्र लोगों को प्रोफेसर पद देने, यूजीसी पे-स्केल को को लागू करने सहित प्रदेश के कालेजों में रिक्त पड़े पदों को भरने की दिशा में कदम उठाए। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कालेज प्रिंसिपल की डीपीसी काफी दिनों से लटकी पड़ी है, हमारी सरकार से मांग है कि जल्द कोर्ट में मामला लाया जाए और अगली सुनवाई के लिए एप्लीकेशन डाली जाए।
पीएचडी और एमफिल की इंक्रीमेंट जो बाकी राज्यों में यूजीसी की तर्ज पर दी जाती थी, उसे 1 अक्तूबर 2014 से बंद कर दिया गया है, जिसकी बहाली की भी हम मांग करते हैं। प्रोफेसर की पोस्ट यूजीसी की तर्ज पर देने की मांग है, पंजाब में इसे लागू कर दिया गया है। हिमाचल के कालेजों में पात्र लोग प्रोफेसर की पोस्ट से वंचित हैं।
यूजीसी की पे-स्केल जो कि बाकी राज्यों में अक्तूबर 2016 और अक्तूबर 2018 से लागू कर दिया गया है। लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे लागू नहीं किया है। सरकार हिमाचल में यूजीसी पे-स्केल को लागू करे। शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर नई शिक्षा नीति में कैसे लागू किया जाएगा। इसके बारे में स्टेकहोल्डर्स की राय जानना आवश्यक है। तभी प्रभावी ढंग से इसका क्रियान्वयन हो सकते हैं।