<p>जिला बिलासपुर के घुमारवीं अस्पताल में पिछले लगभग उन्नीस सालों से घुमारवीं शहर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को अल्ट्रा सांउड से महरूम होना पड़ रहा है। इस अस्पताल में बिलासपुर की घुमारवीं, झंडूता और सदर तीनों विधान सभा क्षेत्रों के लोग अपना इलाज करवाने के लिए घुमारवीं अस्पताल का ही रूख करते हैं। वह यहां आकर अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं, क्योंकि पिछले लगभग उन्नीस सालों से अल्ट्रासाउंड मशीन बंद पड़ी है। जिसको ऑपरेट करने के लिए रेडियोलॉजिस्ट तक सरकार उपलब्ध नहीं करवा रही है। रोगी कल्याण समिति की जब बैठक होती है तो अल्ट्रासाउंड मशीन के डाक्टर पर चर्चा होती है और फाईल वहीं बंद हो जाती है।</p>
<p>घुमारवीं अस्पताल में घुमारवी विधान सभा क्षेत्र की पैंतीस पंचायतों के लगभग 80 हजार लोग इस अस्पताल के ऊपर निर्भर रहते हैं। जिसमें सदर और झंडुता के कुछ भाग के लोग भी इस अस्पताल में आते हैं। कुल मिलाकर एक लाख से भी ज्यादा की संख्या इस हस्पताल पर निर्भर है। सरकार मरीजों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने का दावा करती है। लेकिन घुमारवीं अस्पताल में सुविधा नाम की कोई चींज नहीं है और प्रशासन हाथ पे हाथ धरा बैठा है। गर्भवती महिलाओं के लिए घुमारवीं हास्पिटल की तरफ से अल्ट्रासाउंड की सुविधा निजी अस्पताल में दी थी। लेकिन अन्य मरीज इस सुविधा से वंचित रह जाते हैं। जिन्हें जिला अस्पताल जाना पड़ रहा है। जिससे लोगों का समय और पैसे दोनो बर्बाद हो रहा है ।<br />
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गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड की जो सुविधा निजी अस्पताल में दी गई है। वह एक महीने में लगभग152 के करीब महिलाएं निजी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाती हैं। जिससे सरकारी खजाने मे सीधी चपत लग रही है।अगर सरकार चाहती तो बंद कमरे में लाखों रुपये की मशीन खराब न होती और न ही सरकारी पैसे का धड़ल्ले से दुरूपयोग होता। सरकारें आती हैं और जाती हैं लेकिन हालात में बदलाव नजर नहीं आया। लोगों ने इस मुद्दे को कई बार पूर्व विधायक और मौजूदा विधायक के समक्ष रखा। हर बार आश्वासन के सिवा कुछ भी नहीं मिला और इस बार उम्मीद बंदी है कि शायद घुमारवीं में इस बार रेडियोलॉजिस्ट के डाक्टर की तैनाती होगी। क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री के ससुराल भी घुमारवी में हैं और जब वह पहली यहां बार आए थे तो लोगों से वादा किया था कि इस अस्पताल में हर तरह की सुविधा मिलेगी ।</p>
<p>रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन एसडीएम शशीपाल शर्मा ने कहा कि बैठक में चर्चा हुई है कि सरकारी नियम और रेट के अनुसार निजी अस्पताल के डाक्टर अल्ट्रासाउंड करने मे सहमत हैं तो उनसे गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड करवाया जाएगा। अगर सरकार की तरफ से रेडियोलॉजिस्ट डाक्टर की नियुक्ति कर दी जाती है तो बहुत ही बढ़िया होगा। जिससे हर मरीज को सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। स्थानीय विधायक राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि मामला ध्यान में है और जल्द ही मुद्दे को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से बात की जाएगी और डाक्टर की तैनाती करवाई जाएगी।</p>
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