करीब डेढ़ सौ की आबादी वाले ग्राम पंचायत चताड़ा के गांव लंबोवाल में आज तक सड़क सुविधा नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि राजनेताओं से महज आश्वासन के सिवाए उन्हें कुछ नहीं मिला। अब यहां के वाशिंदे गांव छोड़कर अन्य जगहों की ओर पलायन कर चुके हैं। लोगों का कहना है कि आजादी के सात दशकों बाद भी उनके गांव सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाए हैं जिस कारण उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
लोगों का कहना है कि यदि मरीज को अस्पताल पहुंचाना हो तो इसके लिए चारपाई का सहारा लेना पड़ता है। आलम यह है कि ग्रामीणों को यदि जल्द ही सड़क सुविधा न मिली तो उनको भी यहां से पलायन करने को मजबूर होना पड़ेगा। गांव को जाने वाले रास्ते की हालत इस तरह है कि वहां पर वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव को जाने वाले रास्ते को लेकर कई बार नेताओं व अधिकारियों के चक्कर काट चुके हैं लेकिन आज दिन तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सड़क न होने का सबसे बड़ा खामियाजा गर्भवती महिलाओं को उठाना पड़ता है उन्हें प्रसव के दौरान बड़ी मुश्किल से सड़क तक ले जाना पड़ता है। लोगों में सतपाल, रेश्मी देवी, जोगिंदर सिंह, विजय, सोनू, राम कुमार, पिंकी, तिलक, बल्ली, सीता राम, तिलक राज, भक्त सिंह का कहना है कि कई बार विभाग से उक्त सड़क मार्ग का निर्माण कार्य शुरू करवाने की मांग की परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
सर्वे के बाद भी कोई रिजल्ट नहीं
लोगों की मानें तो जब चुनाव आते हैं तो राजनेता आते हैं और सड़क को बनाने का आश्वासन देकर वोट बैंक की राजनीति कर वापिस चले जाते हैं। सड़क को लेकर कई बार सर्वे भी पीडब्लयूडी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी आए लेकिन कोई रिजल्ट सामने नहीं आता। यह फाइलें कहां दफन हो जाती हैं, इसका जवाब शायद विभाग के पास भी न हो।
क्या कहते हैं पंचायती राज मंत्री
पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर का कहना है कि चताड़ा ग्राम पंचायत के गांव लंबोवाल में सड़क सुविधा न होने का मामला उनके ध्यान में है। लेकिन वहां पर सरकारी जमीन न होने के चलते समस्या पेश आ रही है। लोग यदि अपनी जमीन सड़क बनवाने के लिए दें तो उनको जल्द ही सड़क सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि यहां पर सड़क सुविधा मुहैया करवाने के मामल को विधायक प्राथमिकता के कार्यों में डाला गया है। जल्द ही इसमें कार्रवाई होगी।