पति से अलग होकर पिछले लगभग 20 साल से जाति प्रमाण पत्र के लिए भटक रही झलेड़ा निवासी ऊषा देवी के लिए उपायुक्त ऊना संदीप कुमार फरिश्ता बन कर आए। ऊषा देवी बताती हैं कि जाति प्रमाण पत्र के अभाव में उनके परिवार ने काफी परेशानी झेली है। न बच्चों को पढ़ाई के लिए कोई आर्थिक सहायता मिल पाई और न ही अनुसूचित जाति के लिए सरकार की ओर से चलाई जाने वाले किसी योजना का लाभ ही उन तक पहुंचा। झलेड़ा निवासी ऊषा देवी बताती हैं कि अब उपायुक्त ऊना संदीप कुमार की वजह से उन्हें 20 वर्षों बाद अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र मिला है, जिसके लिए पूरा परिवार हमेशा उनका ऋणी रहेगा।
50 वर्षीय ऊषा का मायका चुरुड़ू में है और विवाह सोलन जिला के कसौली में हुआ था लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से उन्हें पति का घर छोड़ना पड़ा और वह झलेड़ा में आकर किराए के घर में रहने लगी। यहीं रहकर उन्होंने मुश्किल हालात में अपने बेटे व बेटी को पढ़ाया लिखाया और उनकी परवरिश की। जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाए लेकिन कोशिशें असफल साबित हुई।
जनमंच में भी बताई परेशानी
ऊषा ने कहा कि बेटी नर्सिंग में दाखिला लेना चाहती है और बेटा ग्यारहवीं क्लास में पढ़ता है। जाति प्रमाण पत्र न होने की वजह से उन्हें एडमिशन फीस में रियायत नहीं मिल पा रही थी। इसलिए उन्होंने अपनी परेशानी चलोला में आयोजित हुए जनमंच में रखी, जिसके बाद डीसी ऊना संदीप कुमार ने उनकी मदद करने का आश्वासन दिया। डीसी की पहल का ही नतीजा है कि अब उन्हें जाति प्रमाण पत्र मिल गया है और पूरा परिवार बेहद खुश है। ऊषा का कहना है कि उसने सरकार से घर बनाने के लिए भूमि की मांग भी की है और डीसी ने उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
जाति सत्यापन के बाद जारी किया प्रमाण पत्रः डीसी
इस बारे में उपायुक्त संदीप कुमार ने कहा कि ऊषा देवी के पास जाति प्रमाण पत्र न होने की वजह से उनके परिवार को काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी। उनका विवाह सोलन में हुआ था इसलिए उन्होंने इस मामले को अपने समकक्ष डीसी सोलन के साथ उठाया। समस्या यह आ रही थी कि राजस्व रिकॉर्ड में उनकी जाति दर्ज नहीं थी क्योंकि सुसराल के पास भूमि नहीं है। ऐसे में जाति सत्यापित करने के लिए सोलन में लोकल इनक्वायरी करवाई गई। रिपोर्ट आने के बाद तहसीलदार ऊना को ऊषा का जाति प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश दिए गए। ऊषा देवी को अब उनका जाति प्रमाण पत्र मिल चुका है। जहां तक उन्हें घर के लिए जमीन देने का मामला है, उस पर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन हर संभव मदद करने का प्रयास करेगा।