ऊना के गगरेट क्षेत्र में अपहरण के नाम पर दो लड़कों ने खूब ड्रामा किया। जिससे पुलिस को खूब भागदौड़ करनी पड़ी। मिली जानकारी के मुताबिक एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले दो छात्र अपने गांव से स्कूल के लिए निकले। लेकिन जैसे ही वह स्कूल गेट पर पहुंचे तो न जाने उनके मन में क्या आया और उन्होंने स्कूल के अंदर प्रवेश नहीं किया। स्कूल के बाहर एक दुकानदार के पास गए और उससे दस रुपये उधार लेकर वापस अपने घर को चल दिए।
जैसे ही उक्त विद्यार्थी अपने घर पहुंचे तो उनके परिजन हक्के बक्के रह गए और उनके वापस लौटने का कारण पूछा तो उन्होंने जो कहानी गढ़ी उसे सुनकर परिजनों के रौंगटे खड़े हो गए। दोनों लड़को ने बताया कि उन्हें कुछ अज्ञात लोग स्कूल के पास से उनके ऊपर पाउडर छिड़ककर एक एप्लाइड फॉर गाड़ी में बिठाकर ले गए और दौलतपुर चौक के पास पहुंचकर वो किसी तरह उनके चुंगल से बचकर वापस घर पहुंचे। बच्चों पर विश्वास करके परिजन उन्हें गगरेट के सरकारी हॉस्पिटल में ले गए जहां पाउडर छिड़काव की बात सुनकर डॉक्टर्स ने पुलिस को सूचना दी।
जिस पर पुलिस हरकत में आई गगरेट से लेकर दौलतपुर चौक तक थाना प्रभारी की अगुवाई में अलग अलग पुलिस टीमों ने इस अपहरण के पर्दाफाश के लिए जांच शुरू कर दी। तभी जांच के बात डॉक्टर ने बताया कि दोनों लड़कों पर किसी तरह के पाउडर का छिड़काव नहीं हुआ है। जिसपर पुलिस लड़कों के साथ स्कूल पहुंची, साथ ही जगह जगह सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली।
स्कूल में जब अध्यापकों ने इन लड़को से सच्चाई जाननी चाही तो उन्होंने अपहरण की मनगढ़ंत कहानी बनाने की बात कबूल ली। साथ सीसीटीवी फुटेज में और स्कूल के आस पास के दुकानदारों के बयान लेने पर पुलिस निचोड़ पर पहुंची कि स्कूल के कक्षाएं न लगवाने के चलते लड़कों ने उक्त कहानी गढ़ी जो कि आग की तरह सोशल मीडिया पर फैल गई और लोगों में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। सच्चाई सामने आने पर इन लड़कों की हरकत के बाद दौड़ भाग करने वाले भी खुद को ठगा सा महसूस करने लगे।
उधर, गगरेट थाना प्रभारी हरनाम सिंह ने बताया कि दो स्कूली स्टूडेंट्स की मनगढ़ंत कहानी की वजह से पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। उन्होंने आमजनमानस से भी आह्वान किया है कि अफवाहों से बचें, विशेषकर अफवाहों के नाम पर सोशल मीडिया में सनसनी न फैलाएं और अगर कोई अनजान व्यक्ति दिखता तो पुलिस को सूचना करें न कि अफवाहें फैलाएं।