ऊना के हरोली निवासी शमशेर सिंह ने सड़क हादसे में मारी गई अपनी पत्नी सुषमा राणा के अंगों को दान कर दिया है। उनका ये निर्णय प्रेरणादायक है। सुषमा राणा के गुर्दे व कॉर्निया अब 4 लोगों को नया जीवन दे रहा है।
बता दें कि हरोली के चंदपुर माजरा निवासी शमशेर की पत्नी सुषमा 30 जनवरी को स्कूटी की दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गई थी। इस हादसे में उनके सिर पर गंभीर चोट लगी थी। मोटरसाइकिल से हुई दुर्घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा, और ऊना हॉस्पिटल में घायल अवस्था में सुषमा राणा को पहुंचाया गया, जहां से गंभीर अवस्था में होने पर पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया। जहां डॉक्टरों ने फिर से प्रयास किए, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका जहां इलाज के दौरान सुषमा ने दम तोड़ दिया।
इस दौरान पीजीआई में अंगदान का कार्य देखने वाली टीम ने शमशेर सिंह से संपर्क कर उन्हें अनुदान बारे जानकारी दी और काऊंसलिंग की गई। हालांकि इस मौके पर किसी भी प्रकार लेना किसी के लिए भी कोई आसान काम नहीं हो सकता। शमशेर सिंह के साथ सुषमा राणा के भाई नरिंदर भी उपस्थित थे। शमशेर ने पत्नी के अंगदान को अपनी स्वीकृति दी। इसके बाद पीजीआई की ट्रांसप्लांट टीम ने तुरंत करवाई करते हुए मृतक सुषमा के 2 गुर्दे व 2 कॉर्निया लिए ओर जरूरतमंद रोगियों को बुलाया गया। सभी टेस्ट कर मिलान किया गया और गुर्दे व कॉर्निया की 4 रोगियों में सफलता से ट्रांसप्लांट किया गया।
पीजीआई के मेडिकल अधीक्षक प्रोफेसर के गुप्ता ने कहा कि शमशेर का सराहनीय निर्णय रहा, जिससे 4 लोगों को नया जीवन मिला है। उन्होंने कहा कि अंग मिलते ही टीम काम मे जुट गई और सफलता से कार्य कर रोगियों को लाभ दिया गया। रोगी अब रिकवर हो रहे हैं। रोगी व उनके परिवार भी शमशेर व उनके परिवार का आभार जता रहे हैं। ऐसे पुण्य और साहसिक फैसले से शमशेर सिंह का गम चाहे खत्म नहीं हो सकता, लेकिन पत्नी की कमी व जीवनसाथी के जाने का खालीपन सदैव खलेगा। साथ ही उन्हे इतना हौंसला भी जरूर होगा कि सुषमा के कारण 4 को नया जीवन मिला है।
वहीं, शमशेर सिंह का कहना है कि परिवार के सदस्य का बिछडऩा क्या होता है इसका एहसास परिवार का सदस्य खोने से महसूस कर रहा हूं । आज जब मेरे बच्चों को मां की जरूरत थी तो सुषमा हमें छोड़ कर चली गई। मुझे आशा है कि मेरे निर्णय से दूसरे बच्चे अपने मां बचा पाएंगे और यही मेरी पत्नी को सच्ची श्रद्धांजलि है।