औद्योगिक क्षेत्र मैहतपुर के नामी शराब उद्योग में काम कर रहे कामगारों ने उद्योग प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कामगारों का कहना है कि कंपनी प्रबंधन लंबे समय से कामगारों का शोषण कर रहा है लेकिन सरकार और श्रम विभाग कामगारों का साथ देने की बजाय कंपनी प्रबंधन की तरफदारी कर रहे हैं। कामगारों का आरोप है कि कंपनी द्वारा उन्हें 6 महीने से वेतन नहीं दिया गया है और लंबे समय से उनके एरियर और बोनस का पैसा भी नहीं दिया जा रहा। इसके अलावा कामगारों ने आरोप लगाया है कि कंपनी द्वारा कई सालों से उनके ओवरटाइम का पैसा भी रिलीज नहीं किया गया है।
कामगारों ने श्रम विभाग के अधिकारियों पर भी उनकी बात न सुनने के आरोप लगाए हैं। कामगारों का कहना है कि उनके बुलाने पर श्रम विभाग के कर्मचारी कंपनी में आते हैं लेकिन उल्टा कामगारों को ही डरा धमका कर चले जाते हैं। कामगारों ने चेतावनी दी है कि यदि श्रम विभाग और कंपनी प्रबंधन ने कामगारों का उत्पीड़न बंद नहीं किया तो आमरण अनशन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
वहीं, विधायक सतपाल रायजादा भी कामगारों के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने कंपनी प्रबंधन के साथ-साथ श्रम विभाग को आड़े होथों लेते हुए कामगारों के साथ अन्याय करने का आरोप जड़ा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि श्रम विभाग के अधिकारी श्रमिकों के हितों की रक्षा करने की बजाए श्रमिकों का शोषण करने में जुटे हैं। रायजादा ने कहा कि अधिकारी उद्योग प्रबंधन की तरफदारी करना छोड़ दे और कर्मचारी हितों की रक्षा में अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंन चेतावनी दी कि अगर कामगारों की बात न सुनी गई तो वह इस आंदोलन को शिमला तक ले जाएंगे।