धर्मशाला-मैक्लोडगंज सड़क के एक्टिव स्लाइडिंग जोन में लगातार हो रहे भूस्खलन से 54 लाख रुपए की लागत से निर्माणाधीन आरसीसी दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। दीवार के गिरने से लगभग 50 लाख का नुकसान हुआ है जिसकी रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। एक्सईएन पीडल्यूडी विभाग धर्मशाला सुशील डढवाल ने कहा कि 300 मीटर पहाड़ी ही दरक गई है जिस कारण भूस्खलन हो रहा है। उन्होंने भविष्य में इस स्थान पर नई तकनीक अपनाने का सुझाव दिया है।
पीडल्यूडी विभाग ने इस स्थान पर 1 अगस्त 2020 को हुए भूस्खलन के कारण सड़क के पुनः निर्माण के लिए 12 लाख रुपए का अनुमानित बजट बनाया था। जिसे बाद में बढ़ाकर 54 लाख रुपए कर दिया गया। विभागीय आंकड़ों के अनुसार पीडल्यूडी विभाग ने संबंधित ठेकेदार हिमांशु ठाकुर को 49 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया है। जबकि हर साल इस सड़क मार्ग पर होने बाले भूस्खलन पर लाखों रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है। पिछले दस वर्षों में विभाग ने लगभग 2 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया है। लेकिन इस सड़क पर हर साल भूस्खलन होना आम बात हो चली है। भूस्खलन होने के कारण यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों सहित यहां से गुजरने वाले राहगीरों में भी भय का माहौल रहता है।
भूस्खलन से सड़क की चौड़ाई 9 मीटर रह गई
धर्मशाला के कोतवाली बाजार के पास काली माता मंदिर की पहाड़ी दरक रही है और निचली तरफ भूस्खलन हो रहा है। भूस्खलन से सड़क का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने से सड़क की कुल चौड़ाई घटकर 9 फीट रह गई है। धर्मशाला-मैक्लोडगंज सड़क ऊपरी और निचले धर्मशाला को जोड़ने वाली सबसे महत्वपूर्ण सड़क है। इसे एक्टिव स्लाइडिंग ज़ोन के रूप में भी जाना जाता है। 10 किलोमीटर लंबे इस सड़क मार्ग पर पिछले कई सालों से हो रहे भूस्खलन के बावजूद आज तक इस ओर किसी भी विभाग ने कोई कारगर कदम नहीं उठाए हैं। इस सड़क पर बारिश के पानी की उचित निकासी और नालियों के न होने के कारण पहाड़ी दरक रही है जिससे निरंतर भूस्खलन हो रहा है।
सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण
सुरक्षा की दृष्टि से भी यह सड़क महत्वपूर्ण है क्योंकि मैक्लोडगंज दलाई लामा का अस्थाई निवास स्थान होने के साथ-साथ इस मार्ग पर सेना की छावनी भी स्थित है। धर्मशाला-मैकलोडगंज मार्ग पर औसतन प्रतिदिन 1,200 वाहन चलते हैं। पीक टूरिस्ट सीज़न में, वाहनों की संख्या प्रतिदिन 5,000 तक बढ़ जाती है। लेकिन इसके वाबजूद इस सड़क पर हो रहे भूस्खलन को रोकने का प्रयास नहीं किया गया है।
वहीं, पीडब्ल्यूडी के जूनियर इंजीनियर विजय गुलेरिया ने कहा कि क्षेत्र में दो दिन पूर्व हुई मूसलाधार बारिश के कारण कोतवाली बाजार के पास काली माता मंदिर की पहाड़ी दरकने से हुए भूस्खलन से सड़क क्षतिग्रस्त होने से आरसीसी की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। इस क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को रोकने और सड़क को 15 मीटर चौड़ा करने के लिए आरसीसी दीवार लगाने का कार्य प्रगति पर था जिससे अनुमानित 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। ठेकेदार हिमांशु ठाकुर ने कहा कि उन्हें विभाग से 49 लाख रुपए की पेमेंट हो चुकी है। इसके अतिरिक्त कार्य किया है लेकिन भूस्खलन हो गया।