जिला हमीरपुर की ग्राम पंचायत चकमोह में मनरेगा कार्य सवालों के घेरे में आ गया है। बता दें कि रोशन लाल ने मनरेगा के तहत डंगे का निर्माण करवाने के लिए पंचायत से संपर्क किया था। क्योंकि उसका मकान ढांक के गिरने से खतरे में आ गया था। प्रार्थी का यह काम क्रम संख्या 57 पर सत्र 2019-20 के लिए अप्रूव हुआ। जिसकी आकलित राशि 1 लाख रूपये स्वयं पंचायत के ही तकनीकी सहायक ने अपने एस्टिमेट में पारित किया। वहीं, 6 सितंबर 2019 को खंड विकास अधिकारी कार्यालय बिझड़ी ने पत्र संख्या 17840 के अंतर्गत इस काम हेतु स्वीकृत की। निर्माण कार्य सामग्री हेतु 13 हजार 673 रूपये और श्रमदान हेतु 40 हजार 842 रूपये स्वीकृत किए गए यानि 54 हजार 515 रूपये स्वीकृत हुए।
मगर ग्राम पंचायत चकमोह ने 36 हजार 719 रूपये की लेबर अदायगी की और 2 हजार 857 रूपये के राशि सामग्री के भुगतान हेतु दी। ऐसे में 39 हजार 576 रूपये की अदायगियां की गई और शेष राशि के भुगतान से पंचायत ने पल्ला झाड़ लिया। प्रार्थी ने मुख्यमंत्री संकल्प हेल्पलाईन पर शिकायत की तो पंचायत सचिव ने इस काम को रोशन लाल का निजी काम बता दिया। जबकि यह काम मनरेगा के तहत स्वीकृत था और इसका कुल बजट 54 हजार 515 में से 39 हजार 576 रूपये के अदायगी करने के बाद शेष 14 हजार 939 रूपये का क्या किया गया। इसका कोई उत्तर नहीं मिल पा रहा है। निर्माण कार्य सामग्री हेतु 13 हजार 673 रूपये की अदायगी पंचायत ने नहीं की जबकि यह राशि अलग से स्वीकृत थी। रोशन लाल ने कहा कि इस मामले में उनको कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है और इस मामले में वे न्यायालय के शरण लेंगे।