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मंडीः प्रशासन से बेख़ौफ़ खनन माफिया, संधोल की खड्डों से दिन रात उठाये जा रहे रेत बजरी

संजय गुलेरिया |

जिला मंडी के संधोल में लगातार प्रशासन से बेख़ौफ़, खनन माफिया द्वारा संधोल की खड्डों से दिन रात उठाये जा रहे रेत बजरी से लोग बेहद परेशान है। कई बार शिकायत करने के बावजूद अभी तक इस पर अंकुश नहीं लग पाया है। बक्कर खड्ड पर पहुंचने पर वहा खड्ड कम ही दिखती है। खनन कारोबारियों ने उसे समतल कर दिया है। प्रदेश सरकार ने पुलिस सहित डेढ़ दर्जन विभागों के अधिकारियो को इस धंधे पर नकेल डालने को अधिकृत किया है। लेकिंन यंहा पर पुलिस के अलावा कभी भी कोई अधिकारी दबिश नहीं देता है। जिसके चलते ये धंधा आजकल चर्म पर है। वहीं, हारसीपत्तन के पुल से नीचे की तरफ अवैध खनन का धंधा आजकल जोर शोर से जारी है। खनन कारियों ने कई शीशम के पेड़ तक उखाड़ दिए हैं। जिससे खड्ड के साथ लगते गांव बल्ला के घरों को भी बाढ़ का खतरा हो सकता है। बल्ला औऱ निचली घनाला गांव की महिलाओं सहित अन्य ने कुछ दिन पहले एक ज्ञापन तहसीलदार को भी सोंपा था। जिसमें उनके घरो पर अवैध खनन से पनप रहे खतरे से अवगत करवाया गया है।  

यहां तक कि संधोल इलाके का एकमात्र और कई दशकों से प्रसिद्ध नलवाड़ मेला का स्थान तक भी नष्ट किया जा रहा है। जिससे सांस्कृतिक धरोहर का अस्तित्व भी हाशिये पर है, खड्ड के किनारे बड़े-बड़े सिल्ट के ढेर लगा दिए गए हैं। वहीं, खनन कारियों ने संधोल क्षेत्र के एक मात्र शमशान घाट को भी नहीं बख्शा है। वहां चारो तरफ खड्डे ही खड्डे बना दिये गए है। सैकडों अप्रवासी मजदूर घनाला के गांव बडौरशहर में डेरा डाले हुए है और जिन लोगों के द्वारा उनके रहने के लिए मकान दिए है। वहा कोई भी शौचालय नहीं है। यह लोग खुले में शौच करते है। परंतु वहीं पर स्थित पंचायत घनाला का कार्यलय है। कभी कोई कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं ली गई है। हैरत की बात यह है कि खनन का स्थान संधोल की पुलिस चौकी के ठीक नीचे और एकदम सामने है। जिसकी संधोल पुलिस चौकी  से दूरी मात्र 50-60 मीटर है। लेकिन इन खनन करने वाले लोगों पर पुलिस कार्रवाई करने में असमर्थ है। वहीं, खनन हो रही भूमि के ऊपर केंद्रीय विद्यालय की जमीन है। जिसमें केद्रिंय विद्यालय के भवन की नींव भी आने वाले समय में यहां रखी जानी है। अगर इस अवैध खनन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो केंद्रीय विधालय के बनने वाले भवन पर भी सशंय बना रहेगा। दिन रात चल रहे अवैध खनन से जुड़े कारोबारियों ने बक्कर खड्ड, मसौत खड्ड और झंगी खड्ड पर बने पुलों की नींव खोखली कर दी हैं। जिससे इनके अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है।

वंही, ब्यास नदी,बक्क्कर खड्ड, बडौर शहर मसौत खड्ड,लाहसनी खड्ड और झंगी खड्ड से अवैध रास्ते बनाकर इनका रात दिन प्राकृतिक ससांधनो का दोहन हो रहा है। सारे मामले में जब करण कार्यालय मंडी में संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि खनन को लेकर विभाग सतर्क है और हम लोग लगातार इसके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। लेकिन बाकर खड्ड में हमीरपुर और मंडी का बॉर्डर होने के कारण खनन माफिया पर नकेल कसने में दिक्कत आती है। उन्होंने कहा कि वहां पर अधिकतर हिस्सा हमीरपुर जिला का है और मंडी जिला का बहुत कम हिस्सा खनन से प्रभावित हो रहा है। वहीं, इस सारे मामले को लेकर चल रहे हैं। राजनीति पर स्थानीय नेता नरेंद्र अत्री से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि खनन पर पूरी तरह नकेल कसी जानी चाहिए और इसके लिए बकायदा पूरी सरकार काम कर रही है। लेकिन धर्मपुर में पूरी कार्रवाई नहीं हो पा रही यह समझ से परे है।