यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन 18 अगस्त से लेकर 22 अगस्त तक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने जा रही है। इसके तहत 18 अगस्त को देश भर की राज्य की राजधानियों में धरना दिया जाएगा। ये जानकारी शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान यूनियन के राज्य सचिव ने दी।
21 अगस्त को सभी केंद्रों पर विरोध जताया जाएगा और 22 अगस्त को देश भर के सभी बैंकों में हड़ताल रहेगी। यूनियन मांग कर रही है कि जन विरोधी बैंकिंग सुधारों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। पब्लिक सेक्टर बैंकों का निजीकरण बंद किया जाए औऱ बैंकों के विलय की योजना पर रोक लगाई जाए।
डिफॉल्टर्स पर कसी जाए नकेल
बड़े कॉरपोरेट डिफॉल्टर जो बैंकों को खत्म करने की साजिश कर रहे हैं, उन पर नकेल कसी जाए। डिफॉल्टर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। बैंक लोन की वसूली होनी चाहिए न कि लोन को माफ किया जाना चाहिए। जीएसटी के नाम पर ग्राहक सेवा शुल्क न बढ़ाया जाए। सभी कैडर की भर्ती बैंकों में की जाए। सरकार के निर्देश के मुताबिक बैंकों में भी आश्रित नियुक्ति योजना लागू की जाए।
यूनियन का कहना है कि 70 फीसदी एनपीए बड़े घरानों के पास है, जबकि 30 फीसदी लोन किसानों और आम जनता को दिया जाता है। गत दिनों सरकार ने सिर्फ 12 बड़े डिफॉल्टर्स की सूची जारी की, जबकि इनकी संख्या 50 है। यूनियन मांग कर रही है कि ऐसे डिफॉल्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।