राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को कोरोना महामारी के दौरान प्रवेश और अन्य फीस वृद्धि न करने के निर्देश दिए हैं जिससे विद्यार्थियों पर आर्थिक बोझ न पड़े। राज्यपाल ने आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला, डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी, सोलन, चैधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर, सरदार वल्लभ भाई पटेल कलस्टर विश्वविद्यालय, मण्डी तथा अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय, मंडी के कुलपतियों को पत्र लिखकर विभिन्न विषयों को उठाकर उनपर 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
दत्तात्रेय ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है परन्तु गुणवत्ता के स्तर पर अभी भी कार्य किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बजाये अधिकांश मरीज जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए आते हैं। उन्होंने अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय, मंडी को निर्देश दिए कि वह इस मामले में पुनगर्ठन पुनर्गठन संबंधी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे, जो गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध करवाने के संबंध में उपयोगी सिद्ध हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक विश्वविद्यालय रोजगार सृजन, स्टार्ट-अप, लॉकडाउन संबंधित ‘एग्जिट योजना’ तथा जनजातीय क्षेत्रों एवं राज्य के दुर्गम क्षेत्रों के लिए विशेष कार्य योजना पर केंद्रित कम से कम अपने तीन नवाचार प्रस्तुत करें।
राज्यपाल ने कुलपतियों से ऑनलाइन शिक्षा को मुख्यधारा में लाने के लिए क्या किया जा सकता है, इस संबंध में अपनी कार्ययोजना की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कृषि और बागवानी विश्वविद्यालयों से कम से कम एक वर्ष के लिए मूल्य संवर्धन के लिए अवधारणा योजना देने अपने स्तर पर एक-एक परियोजना आरम्भ करने को कहा है।