हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 टीकाकरण का अभियान कछुए की रफ़्तार में आगे बढ़ रहा है। हिमाचल प्रदेश में 12 जुलाई तक सिर्फ 11.45 प्रतिशत आबादी को ही कोरोना वैक्सीन के 2 टीके लगे हैं। फ्रंटलाइन वर्कर्स को अगर छोड़ दिया जाए तो 18 से 45 साल वर्ग के लिए तो सरकार ने फ़िलहाल टीकाकरण बंद ही रखा है।
युवा वर्ग को उम्मीद है कि 14 जुलाई से प्रदेश प्रशासन अपने इस निर्णय को बदलेगी। धीमी रफ़्तार में चल रहे टीकाकरण के इस अभियान से युवा और जनता भी इसलिए परेशान हो रही हैं क्योंकि IMA पहले ही चेतावनी जारी कर चुकी है। ऐसे में लोगों के मन में जो डर अभी से पनप रहा है वे वाजिब नज़र आ रहा है।
टीकाकरण के अभियान से ज्यादा युवा परेशान नज़र आ रहे हैं। सचिन शर्मा, चामुंडा निवासी, ने बताया कि समय पर कोविन ऐप पर पंजीकरण करवाने के उपरांत भी उन्हें ढलियारा में टीका लगाना पड़ा था। "ढलियारा मेरे घर से 45 किलोमीटर दूर है। सरकार को घर के पास ही सुविधा उपलब्ध करवानी चाहिए," शर्मा ने कहा। अभी तक 1,731 युवाओं को ही कोविड-19 क दोंनो टीके लगे हैं। राहत कि बात यह है कि प्रदेश में अब तक 33,43,837 यानि की 44.5 प्रतिशत लोगों को कोविड-19 वैक्सीन का पहला टीका लग चुका है।
45 वर्ष के ऊपर वाले लोगों में 7,44,435 लोगों का टीकाकारण हो चुका है। कुल 8,62,248 व्यक्तियों को प्रदेश में दोंनो टीके लग चुके हैं। बता दें कि हर्ड इम्युनिटी के लिए कम से कम 70 से 80 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण आवश्यक होता है। प्रदेश वासियों में डर है कि अगर समय रहते टीकाकरण अभियान ने तेजी नहीं पकड़ी तो तीसरी लहर के कारण फिर एक बार लॉकडाउन का सामना करना पड़ सकता है। वहीं पर्यटकों का भारी संख्या में प्रदेश में पहुंचना भी चिंताजनक है।