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आवारा पशु बने जी का जंजाल, लोगों ने की गोशाला या जंगल में छोड़ने की मांग

रिक्की योगेश |

सोलन जिला के गढ़खल-धर्मपुर वाया सनावर मोती कोना से गुज़रने वाले मार्ग में आजकल आवारा पशुओं का झुंड़ भारी संख्या में देखने को मिल रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। क्षेत्र में लावारिस पशुओं के आतंक से आम लोगों को भारी परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। सड़कों पर इन पशुओं के कारण जहां वाहन चालकों के सामने कई तरह की परेशानियां आ रही हैं। वहीं, ये लावारिस पशु दर्जनों लोगों पर हमला कर उन्हें अस्पताल पहुंचा चुके हैं। जबकि कई लोग मौत के ग्रास भी बन चुके हैं।

आलम यह है कि इस समस्या को लेकर प्रतिदिन सड़कों पर कोई-न-कोई हादसा सामने आ रहा है। शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोगों ने गाय पाल रखी हैं, लेकिन अधिकांश लोग दूध निकालने के बाद गायों को डंडा मारकर सड़क पर इधर-उधर चारे के लिए मुंह मारने को छोड़ देते हैं। सड़क और सार्वजनिक स्थलों पर मंडराते आवारा पशु लोगों की जान के लिए खतरा बन गए हैं। लोगों ने प्रशासन से इन आवारा पशुओं को पकड़कर गोशाला या जंगल में छोड़ कर समस्या का हल जल्द से जल्द निकालने की मांग की है।

पंचायतों में नहीं बने गोसदन

प्रदेश हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2015 को सभी पंचायतों में सरकार को दिशा-निर्देश दिए थे कि हर पंचायत में गोसदनों का प्रावधान किया जाए लेकिन आज दिन किसी भी पंचायत में कोई गोसदन नहीं बनाया गया। किसान संघर्ष समिति इस बारे में भी कई आंदोलन कर चुकी है और कई ज्ञापन भी प्रदेश सरकार और प्रशासन विभाग को सौंप चुकी है लेकिन किसान हित में इन लावारिस पशुओं की कोई व्यवस्था नहीं की गई।