आज दुनिया भर में प्यार के पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन से जुड़ी कई ऐसी सच्चे प्रेम की कहानियां है। जो लोगों को दुनिया में सच्चे प्रेम के होने का संकेत देता है। वेलेंटाइन डे के अवसर पर हम आपको हिमाचल की एक अमर प्रेम कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। यहां एक महिला ने अपने पति के साथ दफन होने के लिए करीब 38 साल मौत का इंतजार किया था।
हिमाचल के ऐतिहासिक शहर नाहन के इतिहास के पन्नों में एक ऐसी अद्भुत व अमर प्रेम की कहानी है। जो खुद में एक मिसाल है। रियासत काल में एक अंग्रेज अफसर की पत्नी ने अपने पति की कब्र के पास दफन होने के लिए 38 साल लंबा इंतजार किया। यहां जिक्र लेडी लूसिया पियरसाल का हो रहा है।
पति की कब्र के पास दफन होने की इच्छा शक्ति जताई
रियासत काल में लूसिया अपने पति इडविन पियरसाल के साथ नाहन पहुंची थी। यहां 50 साल की उम्र में इडविन पियरसाल का निधन हो गया था, जिनका महाराजा ने सैनिक सम्मान के साथ विला राउंड के उत्तरी हिस्से में क्रियाक्रम किया था। यह जगह खुद पियरसाल ने चुनी थी। बताया जाता है कि लूसिया ने भी अपने पति की कब्र के पास दफन होने की इच्छा जताई।
पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर ने बताया कि पियरसाल ने महाराजा के यहां करीब 11 साल अपनी सेवाएं दी थी और 19 नवंबर 1883 में उनका इंतकाल हो गया था।
38 साल किया लंबा इतंजार, फिर कहा दुनिया को अलविदा
इडविन की मौत के बाद लूसिया वापस इंग्लैंड नहीं गई और अपने परिवार वालों को भी छोड़ दिया। लूसिया ने पति की मौत के कुछ साल बाद उसकी कब्रगाह पर लाखों रुपये खर्च कर पक्का निर्माण करवाया था। 19 अक्तूबर 1921 में लूसिया का 38 साल लंबा इंतजार खत्म हुआ और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।