अब ऑनलाइन ही नहीं, वैध दस्तावेजों से भी मिलेगा स्कूल में दाखिला

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  • ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र के बजाय वैध दस्तावेजों के आधार पर भी मिलेगा स्कूल में दाखिला
  • अस्पताल रिकॉर्ड, आंगनबाड़ी उपस्थिति, नर्सरी रिकॉर्ड और माता-पिता के घोषणा पत्र होंगे मान्य
  • शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को नए निर्देश जारी किए

School Admission Policy Himachal: हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए शिक्षा निदेशालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब विद्यार्थियों को ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र (फॉर्म नंबर 5) के बजाय वैध जन्म प्रमाण पत्र या अन्य मान्य दस्तावेजों के आधार पर भी प्रवेश दिया जाएगा।

इस संबंध में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य से बाहर से आने वाले कई छात्रों को ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, जिससे उनकी प्रवेश प्रक्रिया में देरी हो रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए, अब अस्पतालों के रिकॉर्ड, आंगनबाड़ी या नर्सरी उपस्थिति के दस्तावेज और माता-पिता द्वारा दिया गया घोषणा पत्र भी दाखिले के लिए मान्य होगा।

शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 और हिमाचल प्रदेश आरटीई नियम, 2011 के अनुसार, किसी भी छात्र को जन्म प्रमाण पत्र की अनुपलब्धता के कारण प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता है। आरटीई अधिनियम की धारा 14 के तहत, यदि जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है, तो अन्य दस्तावेजों के आधार पर बच्चे की उम्र का सत्यापन किया जा सकता है।

इस फैसले से विशेष रूप से उन छात्रों को राहत मिलेगी जो बाहरी राज्यों से आकर हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में प्रवेश लेना चाहते हैं। शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे दाखिला प्रक्रिया में अनावश्यक देरी से बचें और छात्रों को सुगमता से प्रवेश प्रदान करें।