सब्जियों के दामों ने रसोई का जायका बिगाड़ दिया है। बदलते मौसम और बरसात के कहर से सब्जियों के दामों में लगातार वृद्धि जारी है। हरे मटर बाजार में 120 रुपये किलो की दर से बिक रहे हैं तो वहीं फूल गोभी 80 रुपये पहुंच गई है। सब्जियों की आवक में कमी के चलते पिछले दिनों बरसात में हुए नुकसान से दाम अभी कम नही होंगे। गर्मियों मेंअधिकतर सब्जी की खपत हिमाचल के ऊपरी इलाकों द्वारा पूरी की जाती है तो वहीं सर्दियों में पंजाब और हरियाणा से सब्जी की खपत को पूरा किया जाता है ।
दामों में भारी उछाल
मटर120 रूपये किलो की दर से बिक रहे है तो वहीं आलू 25 और प्याज 30 रुपये,फूल गोभी 80 रुपये, टमाटर 30 रुपये, शिमला मिर्च 50 रुपये, घीया 30 रुपये, करेला 40 रुपये, बैंगन 40 रुपये,भिंडी 40 रुपये, कद्दू 30 रुपये, खीरा 30 रुपये, लहसुन 30 रुपये, अरबी 40, मूली 20 रुपये पहुंच गए हैं। वहीं फलों में सेब 40 से 150 रुपये, अनार 60,पपीता 40, केला 40 रुपये दर्जन बिक रहा है।
अभी सब्जी के दामों में निकट भविष्य में कम होने की कोई संभवना नजर नहीं आ रही है। क्योंकि आजकल नवरात्र हैं इस कारण भी सब्जियों के रेट ज्यादा है। ऐसे में सब्जियों की खपत और बढ़ने से कीमतों में उछाल जारी रहेगा। सब्जियों का उत्पादन ज्यादा बारिश की वजह से प्रभावित हो गया है तो दूसरी तरफ लम्बे समय से शादियां बंद है।
किसान अपनी फसलों के समर्थन मूल्य के लिए संघर्ष करता है, सरकार से फरियाद करता है कि उनके द्वारा उगाई गई फसलों का समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए। उनकी फसल का दाम पूरा नहीं मिल रहा वहीं दूसरी तरफ जब वही फसल बाजार में बिकने के लिए आती है तो उनके दाम कई गुना अधिक हो जाते हैं । मौजूदा समय में सब्जियों और फलों के साथ भी यही स्थिति है। बाजार में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं।
गरीब आदमी का जीना दिन-प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है। पुराने समय में सब्जी न हो तो लोग एक चपाती पर प्याज रखकर रोटी खा लेते थे लेकिन मौजूदा समय में प्याज भी खरीदना मुश्किल हो गया है।