विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सोमवार को सुलह विधानसभा क्षेत्र के रमेहड़, भवारना और थुरल में होली उत्सव के समापन अवसर पर शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मेले एवं त्योहार हमारी संस्कृति के सम्वाहक है, हम सब का यह दायित्व है कि हम इस संस्कृति को आगे आने वाली पीढि़यों के लिए संजोने में अपना-अपना योगदान दे। प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और सृजनात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में प्रदेश सरकार निरन्तर प्रयासरत है। प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से पर्यटकों को अवगत कराने के साथ-साथ इस गतिविधि से स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने की पहल की गई है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सनातन धर्म विश्व के सभी धर्मों में सबसे पुराना धर्म है। परम्परागत वैदिक धर्म जिसमें परमात्मा को साकार और निराकार दोनों रूपों में पूजा जाता है। ये वेदों पर आधारित धर्म है, जो अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियां, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का सम्मान करना हमारी पुरानी परम्परा से चला आ रहा है तथा समाज के प्रत्येक वर्ग चाहे वो युवा, महिला एवं बुर्जुग सभी का सम्मान हम सब की प्राथमिकता है।
परमार ने कहा कि होली का त्योहार लोगों में आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने वाला है और इसे उमंग से मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि होली उत्सव में प्रदेश की संस्कृति के साक्षात दर्शन करने को मिलते हैं। उत्सव के दौरान सायं के समय निकलने वाली स्थानीय देवी-देवताओं की सस्कृति से ओत-प्रोत झांकियां स्थानीय लोगों और पर्यटकों का विशेष आकर्षण होती हैं। उन्होंने कहा कि इन झांकियों से लोगों की धार्मिक आस्था जुड़ी है जिनके दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में 2020-21 का ऐतिहासिक बजट हिमाचल की जनता के लिए पेश किया है यह बजट ऐतिहासिक है और सभी वर्गों का ख्याल रखने वाला है। बजट में हिम आरोग्य योजना शुरू होगी। जिसमें हर व्यक्ति को यूनीक आइडी दी जाएगी। इससे इलाज करवाने में सुविधा होगी। बुजुर्गों के लिए सम्मान योजना शुरू की जाएगी। 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को आयुर्वेदिक अस्पतालों में मुफ्त दवाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा कि बजट में 10 हजार नए मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मेधा प्रोत्साहन योजनारू स्वर्ण जयंती सुपर-100 योजना शुरू होगी। दसवीं कक्षा में सर्वाधिक अंक लेने वाले 100 विद्यार्थियों को एक लाख रुपये प्रति विद्यार्थी अनुदान दिया जाएगा। इससे उन्हें व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश के लिए सहायता मिलेगी।