प्रदेश शिक्षा विभाग में वर्ष 2004-05 में हुई अध्यापकों की भर्तियां संदेह के घेरे में आ गई हैं। विजिलेंस मुख्यालय शिमला में फर्जी डिग्रियों की शिकायत के बाद करीब एक दर्जन टीजीटी और पीजीटी अध्यापकों का भर्ती और शैक्षणिक योग्यता का रिकॉर्ड लेकर जांच शुरू कर दी गई है।
डिग्रियां जांचने के लिए विजिलेंस की टीम बिहार की एक यूनिवर्सिटी में पहुंचकर रिकॉर्ड को खंगाल रही है। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग में भर्ती हुए करीब 22 अध्यापकों के पास बीए, एमए और बीएड समेत अन्य डिग्रियां बिहार की यूनिवर्सिटी से जारी हुई हैं।
पूर्व सैनिक कोटे से भी हुए भर्ती
शिकायकर्ता ने दावा किया है कि करीब एक दर्जन टीजीटी और पीजीटी अध्यापकों ने बिना परीक्षा दिए फर्जी डिग्रियां हासिल की हैं। इन फर्जी डिग्रियों के सहारे उन्होंने झूठी जानकारी देकर प्रदेश शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल की।
आरोप है कि इसमें कुछेक अध्यापक पूर्व सैनिक कोटे से भी भर्ती हुए हैं। शिकायकर्ता ने विजिलेंस में धोखाधड़ी की शिकायत कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उधर, राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो हमीरपुर के डीएसपी बीडी भाटिया ने माना कि अध्यापकों की फर्जी डिग्रियों की शिकायत आई है। उन्होंने कहा कि विजिलेंस इस मामले की जांच कर रहा है।