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नाहन: 108 एंबुलेंस बनी शोपीस, ग्रामीणों ने खुद डीजल डलवाकर बचाई मरीज की जान

डेस्क |

सिरमौर  में 108 एंबुलेंस सेवा की हालत बत से बत्तर है। वहीं अब लोगों की जान पर बन आई है। सिरमौर में जहां एक युवक को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, और 2 अन्य मरीजों की जान तब जाकर बची, जब ग्रामीणों द्वारा 108 एंबुलेंस में डीजल भरवाकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।

सिरमौर जिले में एक दर्जन से अधिक एंबुलेंस डीजल न होने के चलते शोपीस बनकर खड़ीं है। रविवार को रेणुका झील में 25 वर्षीय युवक संदीप डूब गया था, जिसे समय रहते झील से निकाल तो लिया गया, लेकिन एंबुलेंस समय पर न मिलने के कारण उसने नाहन मेडिकल कॉलेज ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया।

वहीं 2 और मामले शिलाई क्षेत्र में सामने आए, जहां ग्रामीणों द्वारा एंबुलेंस में डीजल डलवाने के बाद मरीजों को समय रहते अस्पताल पहुंचाया गया। दरअसल शिलाई क्षेत्र के कांडो भटनोल निवासी (23) युवती ने टमाटर पर छिड़काव वाली दवाई गलती से निगल ली, जिसे तुरंत शिलाई अस्पताल लाया गया। जिसे ग्रामीणों ने खुद एंबुलेंस में डीजल डलवाकर अस्पताल पहुंचाया तब जाकर युवती की जान बच पाई।

वहीं एक अन्य व्यक्ति को सांप के डसने के बाद शिलाई अस्पताल लाया गया। व्यक्ति को शिलाई से पांवटा साहिब अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन, एंबुलेंस में डीजल न होने के कारण समस्या का समाधान करना पड़ा। लिहाजा ग्रामीणों ने एंबुलेंस में डीजल डलवाकर मरीज को पांवटा साहिब अस्पताल पहुंचाया। अगर समय रहते ग्रामीण ऐसा नहीं करते तो मरीज की जान भी जा सकती थी। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते हालात सामान्य नहीं हुए, तो स्थिति ओर अधिक गंभीर हो सकती है।