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नेगी केस में पेनड्राइव फॉर्मेट कर भेजी गई लैब, जयराम ने पूछा- कौन सबूत मिटा रहा है?

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  • विमल नेगी की संदिग्ध मौत पर जयराम ठाकुर का बड़ा हमला

  • SP शिमला और एक एएसआई की भूमिका को बताया संदिग्ध

  • सीबीआई जांच से बच रही सुक्खू सरकार, लगाया सबूत मिटाने का आरोप


Vimal Negi Case: विमल नेगी संदिग्ध मौत मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने सीधे तौर पर शिमला के एसपी और एक सहायक पुलिस निरीक्षक (ASI) की भूमिका को संदिग्ध करार देते हुए सवाल उठाया कि सरकार आखिर CBI जांच से क्यों बच रही है?

मंडी जिले के जंजैहली में पत्रकारों से बात करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि यह केवल एक मौत का मामला नहीं बल्कि पूरे सिस्टम की सच्चाई सामने लाने का मुद्दा है। उन्होंने आरोप लगाया कि विमल नेगी की मौत के बाद बरामद की गई पेनड्राइव को रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया गया, बल्कि उसे फॉर्मेट कर फॉरेंसिक साइंस लैब भेजा गया, जिससे साफ जाहिर होता है कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ हुई है।

जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि डीजीपी की रिपोर्ट के मुताबिक SP शिमला दो बार बुलाने के बावजूद जांच में शामिल नहीं हुए, और अनावश्यक रूप से जांच में हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसीएस होम की रिपोर्ट में भी कई गंभीर बातें हैं, जो इस पूरे मामले को और संदिग्ध बनाती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि एक सहायक पुलिस निरीक्षक, जो जांच टीम का हिस्सा भी नहीं है, उसकी भूमिका भी बेहद संदेहास्पद है और इसकी स्वतंत्र एजेंसी से जांच होनी चाहिए। जयराम ठाकुर ने सत्तारूढ़ सरकार पर साजिश के तहत पूरे मामले को दबाने और पर्दा डालने का आरोप लगाते हुए पूछा कि जब विमल नेगी की पत्नी भी हाईकोर्ट में CBI जांच की मांग कर चुकी हैं, तो सरकार इस जांच से क्यों भाग रही है?

गुड़िया कांड का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उस मामले में भी पुलिस की संदिग्ध भूमिका सामने आई थी, और ऐसा ही कुछ अब भी प्रतीत हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खू से मांग की कि CBI जांच के आदेश देकर जनता का विश्वास बनाए रखें, ताकि विमल नेगी और उनके परिवार को न्याय मिल सके।