कांगड़ा के गांव चंद्रोट की युवती को गत दिनों सांप के काटने के बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया था। इसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई। लड़की के उपचार को लेकर सूचना का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. विपिन सिंह परमार ने मौत के कारणों की जांच के लिए आईजीएमसी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सकों की एक समिति का गठन किया है। समिति को पांच दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
आईजीएमसी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर एवं प्रमुख डॉ. दलीप गुप्ता की अध्यक्षता वाली इस समिति में फोरेंसिक मेडिसिन के प्रमुख डॉ. पीयूष कपिला और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. जनक राज बतौर सदस्य शामिल किए गए हैं।
IGMC शिमला से जांच समिति का गठन किया
परमार ने कहा कि शीघ्र और निष्पक्ष जांच के लिए आईजीएमसी शिमला से जांच समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि टांडा राज्य का बहुप्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है, जहां बड़ी संख्या में अलग-अलग संकायों में डॉक्टर मौजूद हैं।
यहां हर रोज बड़ी संख्या में प्रदेश के विभिन्न भागों से मरीज उपचार के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि मानव जिंदगी बहुमूल्य है और किसी को भी जिंदगी से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि युवती की मौत से उन्हें निजी तौर पर गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा यदि अस्पताल की लापरवाही के कारण युवती की जान गई है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। रिपोर्ट में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।