हिमाचल प्रदेश में दीपावली पर गोबर के 2 करोड़ दीये बनाने का लक्ष्य रखा गया है। चीन की मोमबत्तियों को टक्कर देने के लिए प्रदेश के गौसदनों में गोबर के दीये बनाएं जाएंगे। इसके लिए प्रदेश भर की 186 गोशालाओं में दीये बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये दीये दीपावली पर तो काम आएंगे ही, बाद में इन दीयों को अपने गार्डन में डाल सकते हैं। जिससे वहां पर यह खाद का काम करेंगे।
पशुपालन और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर का कहना है कि "आत्मनिर्भर भारत अभियान" के तहत प्रदेश के गौसदनों में 2 करोड़ दीये बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे न केवल चीन के समान का बहिष्कार होगा बल्कि कारोना काल में बेरोजगार हुए युवाओं को रोज़गार भी मिलेगा। आत्म निर्भर भारत में गोशालाओं का एक बड़ा योगदान होगा। इसके लिए प्रशिक्षण के साथ दीये बनाने का कार्य शुरू हो गया है। बाकायदा इस दीयों को बढ़िया पैकिंग में बेचा जाएगा।
इन दीयों में गोबर के पाउडर के साथ अन्य प्राकृतिक सामान जैसे चावल का पाउडर, इमली के बीज का पाउडर और मुल्तानी मिट्टी के पेस्ट भी मिलाया जाएगा। इसके लिए एक सांचा होता है। इसमें पेस्ट को डालने के बाद दीये तैयार हो जाते हैं।