ग्रामीण विकास, पंचायती राज और कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को फसलों के विविधिकरण के बारे में किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। कंवर ने कहा कि फसलों के विविधिकरण से किसानों को अधिक मुनाफा हो सकता है। इसलिए कृषि विभाग के अधिकारियों को इसके बारे में जागरूकता लाने को कहा गया है। पहले किसान दलहन औऱ तिलहन की खेती किया करते थे। लेकिन अब इस ओर किसानों की कोई विशेष रुचि नहीं है। लेकिन किसानों को इस बारे में प्रोत्साहित किया जाए तो उनकी आय में भी बढ़ौतरी हो सकती है।
कृषि मंत्री ने कहा कि विभाग के अधिकारी दलहन और तिलहन की खेती के संबंध में किसानों को प्रशिक्षण और अन्य जानकारी प्रदान करेंगे। मक्की की फसल का कार्य पूरा होने के बाद कृषि विभाग के अधिकारी इस ओर विशेष ध्यान देंगे, ताकि किसान को दालों और तिलहन फसलों की खेती से भी एक बार दोबारा जोड़ा जा सके।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कृषि विभाग के प्लॉट्स पर प्राकृतिक खेती के डेमोसट्रेशन प्लॉट भी लगाए जाएंगे, जहां पर विभाग के अधिकारी प्राकृतिक खेती की तकनीक के साथ उसके परिणाम को भी किसानों के सामने रखेंगे, जिससे किसान प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहति होंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य को रसायन वाली खेती से मुक्त करने को प्रयासरत है। राज्य सरकार ने इस वर्ष 1 लाख किसान परिवारों को प्राकृतिक खेती के साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा है तथा वर्ष 2022 तक पूरे हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक खेती के तहत लाया जाएगा।