Vivah Muhurat 2025: हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त के बिना किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करना उचित नहीं माना जाता। विवाह, जो जीवन के सबसे महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक है, इसके लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। यह संस्कार जीवन के 16 प्रमुख संस्कारों में शामिल है और गृहस्थाश्रम में प्रवेश का आधार है।
जुलाई से अक्टूबर के महीनों में कोई भी शुभ विवाह मुहूर्त नहीं होगा। इस दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं, जिसे चातुर्मास कहा जाता है। नवंबर और दिसंबर में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त फिर से शुरू होंगे।
विवाह का धार्मिक महत्व भारतीय संस्कृति और परंपरा में अत्यंत गहरा है। यह न केवल दो व्यक्तियों का मिलन है, बल्कि यह परिवार और समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण संस्कार है। हिंदू धर्म के अनुसार, बिना विवाह के गृहस्थ जीवन में प्रवेश अधूरा माना जाता है।
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