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आफत की रफ्तार हुई धीमी, बारिश रुकी रहने से राहत कार्य हुए तेज

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मंडी: तीन दिन तक जल थल हुए हिमाचल को पूरी तरह से पटरी पर आने में तो समय लगेगा मगर मंगलवार को बारिश के रूके रहने से राहत कार्य तेज हुए। कई सड़कों को खोल दिया गयाए हजारों फंसे लोगों व वाहनों को निकाल लिया गया और सुरक्षित स्थानों की ओर रवाना कर दिया गया। कुल्लू मनाली व लाहुल स्पीति में फंसे पर्यटकों में से अधिकांश मंगलवार को अपने प्रांतों व घरों को लौट गए। तीन दिन चलते रहे तबाही के मंजर को देखते हुए व इस बारे में मिल रही सूचनाओं को देखते हुए मंगलवार को कुल्लू मनाली या लाहुल की ओर पर्यटकों की आवाजाही में बेहद कमी देखी गई। इस बारिश ने प्रदेश में पर्यटन सीजन से पहले ही खत्म कर दिया जो प्रदेश के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया कि जिला में बंद सड़कों को खोलने का कार्य यु़द्धस्तर पर जारी है। लोक निर्माण विभाग दिन रात कार्य कर बंद सड़कों को खोलने में जुटा हुआ है। बारिश के कारण जिला में 59 सड़कंे अवरूद्ध हो गई थींए अब केवल 27 सड़कें ही बंद हैं। जिनमें 3 मुख्य जिला सड़केंए 23 ग्रामीण सड़कंे और एक लिंक रोड़ है। 32 सड़कों को बहाल कर दिया गया है।

जिला में बारिश के कारण अब तक 62ण्35 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। लोक निर्माण विभाग को 36ण्92 करोड़ए जल शक्ति विभाग को 22ण्46 करोड़ जबकि बागवानी में लगभग 2 करोड़ का नुकसान हो चुका है। इसके अतिरिक्त कच्चा तथा पक्के मकानों के क्षतिग्रस्त होने से करीब चालीस लाखए नगर निगम मंडी में करीब चालीस लाख के करीब अनुमानित नुक्सान की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। वर्षा के कारण कई मकान भी क्षतिग्रस्त हुए है। पिछले 24 घंटों के अंदर जिला में 8ण्69 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इस दौरान एक दुकान और एक घर क्षतिग्रस्त हुआ है। लोक निर्माण विभाग को 6ण्58 करोड़ और बागवानी में लगभग 2 करोड़ का नुकसान हुआ है।

एसडीएम मंडी ओम कांत ने आम जनमानस से पहाड़ों तथा नदी नालों की तरफ जाने से गुरेज करने के लिए कहा है इसके साथ ही स्थिति समान्य नहीं होने तक पराशर झील तक भी पर्यटकों को जाने के लिए मनाही की गई है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके।