हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से पर्याप्त बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल में राज्य के भीतर 19 वर्षों में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में 1 से 30 अप्रैल तक सामान्य से माइनस 89 फीसदी तक कम बादल बरसे। अप्रैल में सिर्फ 7.3 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। यह वर्ष 2004 के बाद से सबसे कम है। इस दौरान प्रदेश के सभी जिलों में बारिश की भारी कमी रही। पूरे माह लोगों को मैदानी के साथ-साथ पहाड़ी भागों में भी गर्मी की मार झेलनी पड़ी है। ऊना, धर्मशाला, भुंतर, कांगड़ा और मंडी में अप्रैल में लू भी चली।
गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
हिमाचल का मौसम अमूमन इस समय खुशनुमा बना रहता है लेकिन इस गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. शिमला के मौसम विज्ञान केन्द्र की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार इस बार इतनी कम बारिश हुई है कि सूखे जैसे हालात हो गए हैं. 19 वर्षों में इस बार अप्रैल में सबसे कम बारिश हुई है. हिमाचल प्रदेश में इस बार पूरे अप्रैल माह में सामान्य से 89 प्रतिशत कम बारिश हुई, जो 2004 के बाद सबसे कम है. यहां अप्रैल में सिर्फ 7.3 मिलीमीटर बारिश ही दर्ज की गई. यानी ना सिर्फ मैदानी इलाकों में बल्कि पहाड़ों पर भी लोगों को गर्मी से रूबरू होना पड़ रहा है.
मई में कैसा रहेगा मौसम?
हिमाचल प्रदेश के मध्य व उच्च पर्वतीय कई भागों में 1 से 4 मई तक बारिश के आसार हैं। तीन और चार मई को इन क्षेत्रों के कई भागों में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने अंधड़ का येलो अलर्ट भी जारी किया है। ऐसे में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं निचले व मैदानी भागों में एक और दो मई को मौसम साफ रहेगा। जबकि तीन व चार मई को एक-दो स्थानों पर बारिश हो सकती है।
आईएमडी के अनुसार प्रदेश में एक मई को कुछ हिस्सों में बादल छाए रहेंगे. ऐसे में तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं रहेगी. शिमला में अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. दो मई को पूरे प्रदेश में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश होगी. 3 और 4 मई को गरज के साथ कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है. 5 मई को एक बार फिर मौसम साफ बना रहेगा हालांकि कुछ हिस्सों में बादल छाए रहेंगे. 6 मई को प्रदेश में बारिश हाने की संभावना जताई गई है. ऐसे में मई के पहले सप्ताह में बादल छाए रहेंगे और गर्मी से कुछ राहत मिलेगी. वहीं, पर्यटकों की बात करें तो लोग गर्मी से बचने के लिए कुफरी जैसी जगहों की ओर रुख कर रहे हैं.