मौसम की बेरुखी हिमाचल प्रदेश पर भारी पड़ती दिख रही है। जनवरी माह में अभी तक बारिश और बर्फबारी का नामों निशान नहीं है। परिणामस्वरूप हिमाचल के पर्यटन और खेतीबाड़ी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बर्फबारी ने होने से शिमला का होटल व्यवसाय, व्यापार और बागवानी खतरे में पड़ गई है। शिमला के होटल खाली पड़े हैं, जिसकी वजह से होटल व्यवसाय से जुड़े लोग चिंतित नज़र आ रहे हैं। होटल व्यवसायी राजीव सूद का कहना है की जनवरी माह में होटल का कारोबार बर्फबारी पर टिका होता है लेकिन आधा जनवरी माह बीत चुका है लेकिन, बर्फ का कहीं नामों निशान नहीं है।
इतना ही नही बर्फबारी न होने से स्किंग भी नही हो पा रही है जो हिमाचल के पर्यटन को नुकसान पहुंचा रही है। बर्फबारी न होने का असर घोड़े वाले फोटोग्राफर और कुलीयों पर भी साफ दिख रहा है। फोटोग्राफी कर अपनी रोजी कमाने वाले रवि कुमार का कहना है कि बर्फबारी ने उनकी कमाई पर भी विपरित असर डाला है। पर्यटक कम हो गया है। इसलिए उनका धंधा चौपट हो गया है। वहीं, घोड़े वाले भी रिज पर पर्यटकों का इंतज़ार करते करते थक रहे हैं लेकिन पर्यटक आ नहीं रहा है।
उधर, शिमला के व्यापारी और पर्यटन से अपनी रोजी-रोटी कमाने वाले लोग भी मौसम की बेरुखी से कुछ नहीं कमा रहे हैं। बर्फबारी बारिश न होने से प्रदेश का बागवान किसान भी परेशान है। ऊपरी इलाकों में सेब की फसल के लिए बर्फबारी आजकल बहुत जरूरी है क्योंकि आजकल बर्फबारी न होने का मतलब सेब की पैदावार को कम कर देगा।
वहीं, निचले हिमाचल में रवि की फसल भी बारिश की मांग रही है। कुछ इलाक़े तो ऐसे है जहां अभी तक गेहूं तक नहीं बिजी गई है। जो बीज दी गई है वह बारिश न होने से खराब होने की कगार पर पहुंच गई है। अब सब दुआ कर रहे है कि जल्द इंद्रदेव मेहरबान हो और उनकी उम्मीदें पूरी हों।